कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि ” ये है हमारी रंग-बिरंगी बून्दी” पुस्तक पर्यटन नगरी बूंदी के समग्र विकास के साथ इतिहास, कला-संस्कृति, ऐतिहासिक स्मारकों, दर्शनीय स्थलों, प्रमुख सूचनाओं का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। उन्होंने मंगलवार को पुस्तक का विमोचन करते हुए लेखक द्वे डॉ. प्रभात कुमार सिंघल पूर्व सँयुक्त निदेशक,सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग और भीलवाड़ा की शिखा अग्रवाल को अपनी और से इस श्रम साध्य कार्य के लिए बधाई एवं शुभकानाएं देते हुए कहा कि निश्चित ही यह पुस्तक सभी के लिए उपयोगी होगी और बूंदी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
लेखक डॉ. सिंघल ने बताया कि यह पुस्तक बूंदी जिले के गजेटियर का एक लधु रूप है। राजस्थान सरकार द्वारा 1964 में लिखा गया गजेटियर वर्तमान समय में कई अर्थों में अनुपयोगी हो गया है। उसकी बहुत सी जानकारी एवं सूचनाएं पुरानी हो चुकी हैं , जिनका अद्यतन किया जाना जरूरी हैं। फिर 1964 के बाद के विकास और नए तथ्यों की सूचनाएं एक जगह उपलब्ध नहीं हैं। इस कमी को यह पुस्तक काफी हद तक पूर्ण करेगी। निजी स्तर पर प्रकाशित यह पुस्तक बूंदी जिले के बारे में समग्र सूचनाएं प्रदान करने का एक छोटा सा प्रयास है।
डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा विकास एवं प्रगति के नित नए सोपान लिखते बूंदी की अर्थव्यवस्था एवं आधारभूत सुविधाओं की सारगर्भित जानकारी पुस्तक की विशेषताएं हैं। एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने कहा कि बूंदी की कला- संस्कृति पक्ष को बहुत ही रोचक रूप से प्रस्तुत किया गया है। अनुज कुच्छल सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेलवे मंडल कोटा ने कहा बून्दी जिले के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती यह पुस्तक शोधर्थियों के लिए भी सन्दर्भ पुस्तक साबित होगी
विमोचन अवसर पर विशेष रूप से वरिष्ठ पत्रकार के.डी.अब्बासी, जितेंद्र बग्गा, जीवनधर जैन,वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित गोयल,अरविन्द सिसोदिया, महिपाल सिंह सहित गणमान्य नागरिक, समाजसेवी एवं पत्रकार मौजूद रहें। पुस्तक का प्रकाशन जयपुर के सहित्यगार द्वारा किया गया है।
व्यापक चर्चा में आई
पुस्तक विमोचन के साथ ही चर्चा में आ गई। व्यापक स्तर पर कृति का स्वागत किया गया। मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, गुरुग्राम,दिल्ली, उदयपुर, धौलपुर, देहरादून, चेन्नई , मुज़फ्फरनगर, सीकर, लखनऊ एवं अम्बाला शहरों से बड़ी संख्या में प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई।भीलवाड़ा में विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों, लधु उधोग संघ सहित व्यक्तिगत रूप से लोगों ने पुस्तक की मुक्तकंठ से सराहना की। बूंदी -कोटा जिलों में गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों,प्रशासनिक अधिकारियों, समाज सेवियों एवं पत्रकारों ने पुस्तक को आम जन के लिए उपयोगी बताया।
—————–
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा