प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना निर्धन और जरूरतमंद परिवारों के लिए जीवनदायी साबित हो रही है। योजना से लाभार्थियों को गंभीर बीमारियों का सरकारी सहित संम्बद्ध निजी अस्पतालों में भी निःशुल्क उपचार की सुविधा मिल रही है। ऐसे ही दिल की गंभीर बीमारी से ग्रसित निर्धन परिवार के एक मरीज की शहर के कोटा हार्ट हॉस्पिटल में हार्ट सर्जरी की गई। अस्पताल के मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल होने की वजह से ऑपरेशन व इलाज निःशुल्क संभव हुआ और अब वह स्वस्थ है तथा कुछ दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल
बूून्दी जिले के गुडला (केशोरायपाटन) निवासी 70 वर्षीय बलबीर कौर को कुछ दिनों पूर्व दिल का दौरा पड़ने पर परिजन कोटा हार्ट हॉस्पिटल लाए जहां आवश्यक चिकित्सीय जांच के उपरांत हार्ट में तीन ब्लॉकेज पाए गए। श्रीमती बलबीर की जान बचाने के लिए चिकित्सकों को हार्ट की बायपास सर्जरी करना ही विकल्प था। गत 17 जून को उनके हार्ट की बायपास सर्जरी कर दी गई। अब वे पहले से बेहतर और स्वस्थ महसूस कर रही हैं। उनका कहना है भला हो सरकार का जो ऐसी योजना शुरू की इससे इलाज की त्वरित सुविधा मिलने के साथ चिंता से मुक्ति मिली है। इस योजना ने मुझे नया जीवन दिया है जिसे मै कभी नहीं भूला पाऊंगी।
श्रीमती बलबीर कौर परिवार बूंदी जिले के गुडला गांव में खेती-बाड़ी कर गुजर बसर करता हैं। ऐसे में हार्ट के ऑपरेशन के लिए एक से सवा लाख रूपयों का एक समय इंतजाम करना उनके लिए असंभव हो रहा था। गत अप्रेल माह में श्रीमती बलबीर कौर के बेटे द्वारा राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में ई-मित्र के माध्यम से पंजीयन कराया था। जो परिवार के लिए इस समय बडा सहारा देने वाला साबित हुआ। योजना की बदौलत बिना खर्च इलाज से परिवार को बड़ी राहत मिली है। खेती किसानी पर निर्भर परिवार के लिए बिमारी के समय निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलने से प्रफुल्लित है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना कोटा के शिवपुरा निवासी घनश्याम पटवा के लिए भी जीवनदायिनी साबित हुई। परम्परागत माला पिरोने का कार्य करने वाला पटवा परिवार कोटा के शिवपुरा में किराये के मकान में रहता है। जिसमें परिवार के सदस्य पुस्तैनी कार्य की आमदनी से ही घर खर्च चला कर जीवन यापन करते है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र होने से राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री चिरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में उसके परिवार का पंजीयन हो गया था। जो उसके परिवार के लिए वरदान साबित हुई।
घनश्याम पटवा की आकस्मिक तबीयत खराब होने पर परिजानों द्वारा उसे कोटा के महाराव भीमसिंह चिकित्सालय में 3 जून को भर्ती कराया गया निशुल्क उपचार की सुविधा मिली तथा चिकित्सीय उपचार के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। कुछ दिवस घर पर ही आराम करते समय 9 जून को उसके सीने में आकस्मिक दर्द होने पर परिजनों द्वारा कोटा हार्ट निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के समय उसके हार्ट में ब्लॉकेज होने की जानकारी मिली तो परिजन चिन्तित हो गये। इलाज के राशि का इंतजाम करना उनके लिए संभव नही था, परिजनों द्वारा अस्पताल प्रशासन को चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में पंजीयन होने की जानकारी दी तो अस्पताल द्वारा कैशलैश इलाज होने के बारे में जानकारी देकर परिजनों को किसी भी चिंता से मुक्त रहने के लिए आश्वस्त किया।
अस्पताल में समपूर्ण जांच के बाद घनश्याम पटवा के बाईपास सर्जरी की गई तथा पेशमेकर डाला गया। इस इलाज के लिए 1 लाख 50 हजार से 2 लाख तक का खर्चा होने की अंदेशा रहता है। घनश्याम की बेटी श्रीमती गुड्डी बाई कहती है हम परम्परागत माला पिरोने के कार्य से परिवार चलाते है बाबूजी की बिमारी के इलाज के लिए इतनी राशि का इंतजाम हमारे स्तर पर संभव नही है। भला हो राज्य सरकार का जो हम जैसे गरीब लोगों के लिए भी सोचती है जिसकी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के कारण आज पिताजी का इलाज संभव हो पाया है।
घनश्याम का सफल ऑपरेशन होन तथा अस्पताल में किसी प्रकार की राशि भी जमा नहीं करवानी पड़ी इससे परिजन खुश है। घनश्याम अभी कोटा हार्ट अस्पताल में ही भर्ती रहकर चिकित्सकों की देखरेख में स्वास्थ्य लाभ ले रहा है तथा राज्य सरकार का आभार व्यक्त कर रहा है।
मूँ तो पाछला छः महिना सूं परेशान हो रियो छौ, रूपै के बिना अस्पताल में इलाज कौनी करा पा रियो छौ। भलो हो सरकार को और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी को जो चिरंजीवी बीमा योजना चलाई, यां कि बदौलत आज मूं बिमारी सूं छुटकारों पायो छूं। यह कहना है जिले के बोरखेड़ा निवासी 22 वर्षीय अभिषेक पुत्र चंद्रप्रकाश दाधीच का।
अभिषेक पिछले 6 माह से गुर्दे की पथरी से परेशान था। उसने पेट में दर्द होने पर 6 माह पूर्व चिकित्सकों की सलाह पर जांच करवाई तो गुर्दे में पथरी होने की जानकारी मिली। परिजनों की सलाह पर अभिषेक ने देशी-दवाओं से पथरी का इलाज किया लेकिन दर्द से निजात नहीं मिल सकी।
इसी दौरान 1 अप्रेल को उसने मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना में ई-मित्र पर जाकर पंजीयन करवाया। यह पंजीयन ही उसके पथरी से दर्द के स्थाई निवारण के लिए कारगर साबित हुआ। अभिषेक ने बताया पिता एक निजी स्कूल में गार्ड का काम करते है, माता श्रीमती सरस्वती गृहणी है। पिता की कमाई से तो परिवार का लालन-पालन हो रहा है। पथरी के इलाज के लिए 40-50 हजार रूपये चाहिए थे जो संभव नहीं थे। ऐसे में चिरंजीवी योजना से उसके परिवार को आर्थिक सहारा मिला तथा स्वयं के दर्द से छुटकारा दिलाने का जरिया बनी।
कोटा के निजी चिकित्सालय कोटा हार्ट अस्पताल में अभिषेक 19 मई को भर्ती हुआ, आवश्यक चिकित्सीय जांच उपरान्त ऑपरेशन द्वारा गुर्दे की पथरी निकाली गई। विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में दो दिवस अस्पताल में रखकर अभिषेक को 22 मई को डिस्चार्ज कर दिया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ्य है तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना की बदौलत सरकार का आभार व्यक्त कर रहा है। अभिषेक की मॉ श्रीमती सरस्वती कहती है गार्ड की नौकरी से घर का खर्च चलाने के बाद इतनी बचत नहीं हो पा रही थी कि वे पैसा एकत्रित कर निजी अस्पताल में सुगमतापूर्वक बेटे की बिमारी का इलाज करा सकें। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन बीपीएल कार्ड भी नहीं होने से अन्य योजनाओं में निशुल्क इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना उसके परिवार का सहारा बनी।
(लेखक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग,कोटा में उपनिदेशक हैं )