वैज्ञानिक बातों को सरल भाषा में समाज के बीच ले जाना पत्रकारों का दायित्व : प्रो. केजी सुरेश
एमसीयू में अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर ‘कोविड-19 और आहार के महत्व’ पर सेमिनार आयोजित
भोपाल। न्यूयॉर्क के वैज्ञानिक डॉ. श्रीनिवास के राव ने कहा कि मानव शरीर में स्वयं ही एंटीबॉडी बनाने की क्षमता विद्यमान है। मनुष्य एकमात्र ऐसी प्रजाति है जो कोविड-19 वायरस से लड़ रहा है। यह वायरस और इंसानों के बीच की एक जंग है। डॉ. राव माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ और विज्ञान भारती द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर आयोजित ‘कोविड-19 और आहार के महत्व’ पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
सेमीनार की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. केजी सुरेश कहा कि देश में आहार को लेकर जागरूकता पैदा करना जरूरी है। समाज में कई तरीके के मिथक विद्यमान हैं, जैसे- मांसाहारी भोजन से लोग ताकतवर होते हैं। लोगों को शाकाहारी भोजन की ताकत का सही अंदाज नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकार और वैज्ञानिकों के बीच में जो कम्युनिकेशन गैप है, उसे पाटना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के सामने समस्या रहती है कि वे अपने अनुसन्धान को सरल भाषा में लोगों तक नहीं पहुंचा पाते हैं, ऐसे में पत्रकारों का दायित्व बनता है कि वैज्ञानिक बातों को जन-सामान्य की भाषा में सामने लाया जाए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े श्री प्रफुल्ल कृष्णा ने ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट एंड टेक्नोक्रेट्स द्वारा किए जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह संगठन देश के वैज्ञानिकों और टेक्नोक्रेट, जो भारत के बाहर रहकर काम कर रहे हैं, उनको आपस में जोड़ रहा है। इसके साथ ही डॉ. रश्मि कुलकर्णी ने कहा कि जीवन शैली, आनुवंशिकी और पर्यावरण का हमारे शरीर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। सही भोजन के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने आहार क्रांति अभियान शुरू किया है। उसके माध्यम से न केवल लोगों की स्वास्थ्य और आय बढ़ेगी बल्कि देश भी समृद्ध होगा। इसके लिए गैर सरकारी संगठनों, शिक्षकों, समाज परिवार और विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस अवसर पर विज्ञान भारती के महासचिव श्री जयंत राव सहस्त्रबुद्धे ने आहार के महत्व और इस सम्बन्ध में चलाए जा रहे अभियान पर प्रकाश डाला। ऑनलाइन वेबिनार का संचालन डॉ. राकेश कुमार पांडे ने किया। कुलसचिव डॉ. पवित्र श्रीवास्तव ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।