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दुर्लभ बीमारियों के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाओं पर नहीं पड़ेगी कस्टम ड्यूटी

वित्त मंत्रालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में विदेशों से निजी इस्तेमाल के लिए मंगाई जाने वाली दुर्लभ बीमारियों के लिए जीवन रक्षक दवाइयों पर से कस्टम ड्यूटी हटाने का फैसला लिया है। इससे बड़ी संख्या में ऐसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को लाभ पहुँचेगा। वित्त मंत्रालय के निर्णय के अनुसार, अति दुर्लभ बीमारियों (Rare Diseases) के लिए निजी तौर पर मँगाई जाने वाली सभी दवाइयों पर से कस्टम ड्यूटी हटाई जाएगी। अभी इन विशेष प्रकार की दवाइयों पर 5% से लेकर 10% की कस्टम ड्यूटी लगती है।

वर्तमान में ऐसी कई बीमारियाँ हैं जिनसे पीड़ित बच्चों या वयस्कों के लिए विशेष प्रकार की दवाइयां विदेशों से मंगानी पड़ती है। इन दवाओं का मूल्य पहले से ही लाखों रुपए होता है।

इन दवाइयों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी की धनराशि भी बड़ी होती है। ऐसे में रोगियों के परिवार वालों पर उपचार का बोझ और बढ़ता है।

वित्त मंत्रालय ने इसके अतिरिक्त ऐसी बीमारियों में उपयोग होने वाले भोजन उत्पादों पर से भी कस्टम ड्यूटी हटाने का निर्णय लिया है।

5%-10% कस्टम ड्यूटी सुनने में सामान्य लग सकती है परन्तु यह बीमारियाँ इतनी दुर्लभ होती हैं कि इनके लिए आने वाले इंजेक्शन या दवाइयों की कीमत लाखों या कभी-कभी तो करोड़ों में हो सकती है। ऐसे में 50 लाख रुपए की दवाई पर 5 लाख रुपए की कस्टम ड्यूटी लग सकती है। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को अपने जिला स्वास्थ्य अधिकारी या सिविल सर्जन का प्रमाण पत्र चाहिए होगा।

वित्त मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस प्रकार की दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित एक 10 वर्ष की आयु के बच्चे के इलाज में 10 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपए तक प्रतिवर्ष लग सकते हैं।

केंद्र सरकार ने पहले से ही कई इस प्रकार की दुर्लभ बीमारियों की दवाइयों को विदेशों से मंगाने पर कस्टम ड्यूटी हटा रखी थी, अब सभी प्रकार की ऐसी दवाइयों पर यह ड्यूटी हटा दी गई है। इस तरह का एक मामला हाल ही में सामने आया था।

तिरुवनंतपुरम से कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया था कि एक दम्पत्ति ने ऐसी ही एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित अपने बच्चे के ईलाज के विदेश से एक दवाई मँगाई थी, परन्तु उस पर लगने वाली भारी भरकम कस्टम ड्यूटी की वजह से वह दवा मुम्बई एयरपोर्ट पर फंसी हुई थी।

शशि थरूर द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस दवाई का मूल्य लगभग 62 लाख रुपए था जिसे उस दम्पत्ति ने किसी तरह लोगों की मदद और अन्य स्रोतों से एकत्र किया था और इसे विदेश से मंगाया था परन्तु अब वह इस पर लगने वाली 7 लाख रुपए की कस्टम ड्यूटी देने में समर्थ नहीं थे।

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दम्पत्ति के आग्रह पर इस मामले को लेकर सांसद शशि थरूर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था और वित्त मंत्री से फोन पर भी इस विशेष मामले में कस्टम ड्यूटी में छूट देने की बात की थी।

वित्त मंत्री ने तुरंत ही मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में कस्टम ड्यूटी माफ़ करते हुए दवाई उपलब्ध कराई थी।

इसको लेकर सोशल मीडिया पर शशि थरूर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की काफी प्रशंसा हुई थी। अब ऐसे ही सभी मामलों के लिए यह निर्णय लिया गया है जो बड़े स्तर पर ऐसी बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के ईलाज में सहायता मिलेगी।