आजीवन अजेय योध्दा रहे दारासिंह

क्या आप जानते है हनुमान जी का किरदार निभाने वाले दारा सिंह जी के बारे में 500 से ज्यादा कुश्ती लड़े, लेकिन वो हारे कभी नहीं पांच साल तक फ्री स्टाइल रेसलिंग में दुनिया भर के पहलवानों को चित्त करने के बाद दारा सिंह भारत आकर 1953 में भारतीय कुश्ती चैम्पियन बने ।इसके बाद साल 1959 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियन और साल 1968 में विश्व चैंपियन का खिताब जीता था.

करीब 500 से ज्यादा कुश्ती प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के बाद साल 1983 में अजेय दारा सिंह ने पहलवानी से संन्यास ले लिया। मशहूर रेसलर किंग कॉन्ग को दी थी पटखनी फिल्म ‘किंग कॉन्ग’ सुपरहिट हुई दरअसल ये फिल्म उनकी पहलवानी पर ही आधारित थी, जिसे लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हुई थी.

साल 1962 में झारखंड की वर्तमान राजधानी रांची के अब्दुल बारी पार्क में उनकी जिंदगी का सबसे अहम मुकाबला हुआ था. ऑस्ट्रेलिया के मशहूर रेसलर किंग कॉन्ग ने दारा सिंह को अपने साथ कुश्ती लड़ने की खुली चुनौती दी थी. दारा सिंह का वजन उस वक्त 120 किलो था, जबकि किंग कॉन्ग 200 किलो का हट्टा-कट्टा पहलवान. किंग कॉन्ग के सामने दारा सिंह बच्चे लग रहे थे. इसके बावजूद वो किंग कॉन्ग पर भारी पड़े. उन्होंने किंग कॉन्ग को तीन बार पटखनी दी. उसको उठाकर ट्विस्ट करते हुए एरिना से नीचे गिरा दिया।

दारा सिंह की जिंदगी में असली मोड़ तब आया जब उन्हें रामानंद सागर के टीवी शो ‘रामायण’ में हनुमानजी की भूमिका निभाने के लिए चुना गया. इस किरदार ने दारा सिंह की किस्मत को पूरी तरह से बदल दिया. यहां तक कि लोग उन्हें हनुमानजी के नाम से ही बुलाने लगे. इस शो के बाद दारा सिंह ने कई पौराणिक शो में हनुमानजी की भूमिका निभाई थी। आज उनकी पुण्यतिथि है ऐसे महावीर योध्दा को कोटि कोटि नमन।