Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeसोशल मीडिया सेबेटी विदा होती है उसकी यादें नहीं

बेटी विदा होती है उसकी यादें नहीं

बेटियाँ लावा (चावल) उछाल बिना पलटे,
महावर लगे कदमों से विदा हो जाती है ।

छोड़ जाती है बुक शेल्फ में,
कव्हर पर अपना नाम लिखी किताबें ।
दिवार पर टंगी खूबसूरत आइल पेंटिंग
के एक कोने पर लिखा उनका नाम ।
unnamed (7)खामोशी से नर्म एहसासों की निशानियां,
छोड़ जाती है ……
बेटियाँ विदा हो जाती है

 

 

रसोई में नए फैशन की क्राकरी खरीद,
अपने पसंद की सलीके से बैठक सजा,
अलमारियों में आउट डेटेड ड्रेस छोड़,
तमाम नयी खरीदादारी सूटकेस में ले,
unnamed (4)मन” आँगन की तुलसी में दबा जाती है….
बेटियाँ विदा हो जाती है

 
सूने सूने कमरों में उनका स्पर्श,
पूजा घर की रंगोली में उंगलियों की महक,
बिरहन दीवारों पर बचपन की निशानियाँ,
घर आँगन पनीली आँखों में भर,
महावर लगे पैरों से दहलीज़ लांघ जाती है…
बेटियाँ लावा उछाल विदा हो जाती है

एल्बम में अपनी मुस्कुराती तस्वीरें ,
कुछ धूल लगे मैडल और कप ,

unnamed (5)आँगन में गेंदे की क्यारियाँ उसकी निशानी,
गुड़ियों को पहनाकर एक साड़ी पुरानी,
उदास खिलौने आले में औंधे मुँह लुढ़के,
घर भर में विरानी घोल जाती है…..
बेटियाँ लावा उछाल विदा हो जाती है

टी वी पर शादी की सी डी देखते देखते,
पापा हट जाते जब जब विदाई आती है।
सारा बचपन अपने तकिये क. दबा,

जिम्मेदारी की चुनर ओढ़ चली जाती है ।
बेटियाँ लावा उछाल बिना पलटे विदा हो जाती है ।
(तमाम बेटियों को समर्पित

 

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार