देश के प्रथम ‘स्त्री अध्ययन एवं शोध केंद्र’ का स्वर्ण जयंती उत्सव मनाया गया

देश के प्रथम ‘स्त्री अध्ययन एवं शोध केंद्र’ के 50 वर्ष पूर्ण

मुंबई।महिला अध्ययन एवं शोध केंद्र (आरसीडब्ल्यूएस- 1974-2024) का स्वर्ण जयंती समारोह एक जीवंत और यादगार कार्यक्रम द्वारा आयोजित किया गया, जो महिला अध्ययन के क्षेत्र में पांच दशकों के उत्कृष्ट योगदान को दर्शाता है। एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय, जुहू मुंबई में 2 जुलाई 2024 को आयोजित इस कार्यक्रम में आरसीडब्ल्यूएस की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कई प्रेरक गतिविधियाँ और संबोधन हुए।

समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथि सुश्री सुष्मिता मुखर्जी, वरिष्ठ अभिनेत्री और लेखिका, सम्माननीय अतिथि, वरिष्ठ लेखिका माननीय सुश्री चित्रा जोशी, माननीय कुलपति, प्रो. उज्ज्वला चक्रदेव, प्रो. रुबी ओझा, प्रो-वाइस-चांसलरद्वारा दीप प्रज्ज्वलित करने के साथ हुई। इसके बाद, विश्वविद्यालय गीत प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित लोगों में गर्व और एकता का भाव जागृत किया।

प्रो. रुबी ओझा, प्रो-वाइस-चांसलर ने अपने स्वागत भाषण में पिछले पचास वर्षों में आरसीडब्ल्यूएस की यात्रा और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर “वीविंग गोल्डन थ्रेड्स” नामक एक लघु फिल्म भी दिखाई गई, जो आरसीडब्ल्यूएस के समृद्ध इतिहास और महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाती है। इस फिल्म ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया, जिसमें समाज पर केंद्र के प्रभाव और इसकी विरासत को दिखाया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने केंद्र के पूर्व अधिकारियों को “गोल्डन नर्चरर अवार्ड्स” द्वारा सम्मानित किया। सम्माननीय अतिथि जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले सहयोगी संगठनों को “गोल्डन कोलैबोरेटर्स अवार्ड्स” से सम्मानित किया, जिसमें आरसीडब्ल्यूएस के साथ उनके असाधारण समर्थन और सहयोग को मान्यता दी गई।
सुश्री चित्रा जोशी ने “भारत की सक्षम महिलाओं का लेखा-जोखा” शीर्षक से एक विशेष व्याख्यान दिया, जिसमें पूरे इतिहास में भारतीय महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिकाओं और उनके योगदान पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने अपने व्यावहारिक भाषण में जैन, बौद्ध और हिंदू साहित्य की आकर्षक कहानियाँ सुनाईं, जिसमें सभी युगों में महिलाओं की शक्ति और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। मुख्य अतिथि सुश्री सुष्मिता मुखर्जी ने सभा को संबोधित करते हुए अपने दृष्टिकोण और अनुभव साझा किए और अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि से कार्यक्रम को और समृद्ध किया।

माननीय कुलपति, प्रो. उज्ज्वला चक्रदेव ने अध्यक्षीय भाषण दिया, जिसमें उन्होंने आरसीडब्ल्यूएस के विज़न और भविष्य की आकांक्षाओं पर विचार किया। उनका भाषण महिला अध्ययन के प्रति विश्वविद्यालय की गहरी भावना और प्रतिबद्धता का प्रमाण था। कार्यक्रम का समापन डॉ. संगीता देसाई द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें स्वर्ण जयंती समारोह को शानदार रूप से सफल बनाने के लिए सभी गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों और आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

यह समारोह महिला अध्ययन के प्रति आरसीडब्ल्यूएस के समर्पण और योगदान का एक महत्वपूर्ण उत्सव था, जिसने सभी उपस्थित लोगों पर एक अमिट छाप छोड़ी और भविष्य की उपलब्धियों के लिए मंच तैयार किया। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. वत्सला शुक्ला ने शानदार ढंग से किया। इस भव्य समारोह में केंद्र की पूर्व छात्राएं, पूर्व कर्मचारी, और लगभग 150 प्रतिभागी शामिल हुए, जिससे यह अवसर वास्तव में एक यादगार उत्सव बन गया।

– डॉ. रवीन्द्र कात्यायन
अध्यक्ष, हिंदी विभाग एवं संयोजक, पत्रकारिता एवं जनसंचार
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