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भुवनेश्वर में छा गए डॉ. कुमार विश्वास 

भुवनेश्वर। 
स्थानीय रेलवे आडिटोरियम मंचेश्वर में मारवाड़ी सोसायटी भुवनेश्वर के अध्यक्ष संजय लाठ के कुशल नेतृत्व में विश्व विख्यात हिन्दी कवि डॉ. कुमार विश्वास तथा उनके साथी कवि-कवयित्री के साथ काव्य स्पंदन आयोजित हुआ। कार्यक्रम का आरंभ जगन्नाथ भगवान की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ।उसके उपरांत सोसायटी के कुल 19 भामाशाहों का अभिनंदन अंगवस्त्र तथा स्मृति चिन्ह सोसायटी की ओर से भेंट कर किया गया।

 आमंत्रित कवियों में मुख्य रूप से डॉ. कुमार विश्वास, रमेश मुस्कान, प्रियांशु गजेन्द्र, कवयित्री पद्मिनी शर्मा के राजनीतिक, सामाजिक, पारिवारिक, घरेलू और व्यक्तिगत,वीर रस, श्रृंगार रस,शांत रस , हास्य और व्यंग्य रस पर आधारित सस्वर कविताओं के वाचन से देर रात तक श्रोताओं को काव्य सरिता में डुबकी लगवाई।

 डॉ. कुमार विश्वास ने जय जगन्नाथ के जयकारे से अपनी कविता वाचन का आगाज किया। उन्होंने अपनी कविता वाचन का आरंभ 34 साल पहले से आरंभ किया था। उन्होंने कहा कि यह जगन्नाथ संस्कृति की देन है कि हम सब यहां पर अपनी -अपनी कविताओं के माध्यम से आत्मीयता का शंखनाद कर रहे हैं। उन्होंने अपनी पहली कविता सृजनशीलता की नई पहचान के रूप में “मुस्कुराती जवानी चाहिए” सुनाई। उन्होंने दो प्रकार के अहंकार ज्ञान और धन के अहंकार से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक ही जाति मारवाड़ी है, जो हर साहित्यिक,सामाजिक व धार्मिक कार्यों में सहभागी होती है।