नई दिल्ली। हिन्दी में गजल विधा को लोकप्रिय बनाने वाले मशहूर शायर दुष्यंत कुमार के जीवन पर पहली बार एक फिल्म राजधानी में 5 दिसंबर को दिखाई जा रही है।
भारतीय ज्ञानपीठ के कार्यक्रम ‘वाक्’ में इस फिल्म को दिखाया जा रहा है। पचास मिनट के इस वृतचित्र का निर्माण प्रसिद्ध पत्रकार एवं राज्यसभा टीवी के पूर्व सम्पादक राजेश बादल ने किया है। श्री बादल सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, पृथ्वीराज कपूर और मोहम्मद रफी के जीवन पर भी फिल्म बना रहे हैं।
श्री बादल ने यूनीवार्ता को बताया कि उन्होंने दुष्यंत कुमार के साहित्य एवं जीवन पर काफी शोध कार्य करके इस फिल्म का निर्माण किया है और यह उन पर पहली फिल्म है जो पहली बार सार्वजानिक रूप से दिखाई जा रही है। इसमें दुष्यंत कुमार के पुत्र और पत्नी के अलावा उनकी रचनावली के संपादक डॉ. विजय बहादुर सिंह का भी इंटरव्यू है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के उस गाँव की भी शूटिंग की गयी है जहां उनका जन्म हुआ था। फिल्म में दुष्यंत कुमार की आवाज़ में उनकी नज्में और गज़लें भी हैं। इस शायर ने अपना जीवन भोपाल में बिताया जहां वह काम करते थे। फिल्म में कुछ शूटिंग भोपाल की भी है।
भारतीय ज्ञान पीठ के निदेशक एवं नवभारत टाइम्स के पूर्व सम्पादक मधुसुदन आनंद ने बताया कि दुष्यंत कुमार ने अपनी ग़ज़लों ने 1974 के आसपास जो धूम मचाई थी वह हिन्दी साहित्य के अपूर्व घटना है। सारिका और धर्मयुग में पहली बार जब उनकी गज़लें प्रकाशित हुई थीं तो उन्हें पाठकों ने बहुत सहारा था। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हिन्दी प्रेमियों के लिए हम इस फिल्म का प्रदर्शन कर रहे हैं।
दुष्यंत कुमार का संग्रह साये में धूप हिन्दी की चर्चित पुस्तकों में हैं। भोपाल में उनके नाम पर एक सड़क का भी नामकरण किया गया है और डाक विभाग ने उनपर एक डाक टिकट भी निकाला है। एक सितम्बर 1933 में जन्मे दुष्यंत कुमार का 30 दिसंबर 1975 में देहांत हो गया था। उनका कविता संग्रह सूर्य का स्वागत तथा काव्य नाटक एक कंठ विषपायी भी चर्चित हुआ था।