मुंबई। पश्चिम रेलवे नेटवर्क द्वारा सेवित क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में किये गये उत्कृष्ट कार्यों के लिए पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए. के. गुप्ता को सोमवार, 18 फरवरी, 2019 को मुंबई के होटल ताज़ लैंड्स एंड में ET NOW चैनल द्वारा आयेजित भव्य अवॉर्ड समारोह में प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सब्लिटी (सीएसआर) लीडरशिप अवॉर्ड सुश्री सैली ली-मेयर सारोगान सिटी, फिलिपिंस और श्री पॉल सदरलैंड-अध्यक्ष एवं सीईओ, सदरलैंड द्वारा प्रदान किया गया। श्री गुप्ता और पश्चिम रेलवे की टीम ने उनके सुयोग्य मार्ग दर्शन में यात्रियों को बेहतर एवं और अधिक सुरक्षित रेल यात्रा उपलब्ध कराने, मूलभूत ढाँचे के विकास में अपूर्व वृद्धि करने और प्रमुख परियोजनाओं को तेज़ गति से पूरा करने के द्वारा पश्चिम रेलवे नेटवर्क द्वारा सेवित क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एक लाख वर्क फोर्स वाली पश्चिम रेलवे प्रारम्भिक आमदनी लगभग 16 हजार करोड़ रुपये है। यह रेल नेटवर्क के माध्यम से यात्री और मालभाड़े परिवहन के द्वारा महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्यों के भू-भागों को देश के अन्य भागों से जोड़ती है। श्री गुप्ता ने पश्चिम रेल संगठन के प्रमुख होने के नाते अपनी दूर-दृष्टि, योजना, प्रबंधन और आम जनता को बेहतर रेल सेवाएँ उपलब्ध कराने की तीव्र इच्छा के द्वारा विगत वर्षों में विभिन्न महत्त्वपूर्ण कदम उठाये हैं।
श्री गुप्ता के नेतृत्व पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय खंड पर भारत की पहली ब्रॉड गेज एसी ईएमयू लोकल ट्रेन का संचालन शुरू किया गया। इस सेवा में एक वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिये हैं, जिसके फलस्वरूप पश्चिम रेलवे और मध्य रेल पर ऐसे और रेकों को शुरू किया जायेगा। यह मुंबईकरों की लम्बे समये से मांग थी और आने वाले समय में यह मुंबई उपनगरीय सेवाओं में यात्रा की परिभाषा को नया रूप प्रदान करेगी। पश्चिम रेलवे प्रतिदिन 1367 सेवाओं में 36 लाख यात्रियों का परिवहन करती है। इसके उपनगरीय नेटवर्क पर यात्रियों का घनत्व 60 हजार यात्री प्रति किलोमीटर है। यह शहर उपनगरीय ट्रेनों की कार्यकुशलता पर अत्यधिक निर्भर है। पश्चिम रेलवे के उपनगरीय खंड पर कई नई ऊँचाइयों को हासिल किया गया है, जिनमें 42 अतिरिक्त दैनिक सेवाएँ, पाँचवीं लाइन में अपेक्षित परिवर्तन कर उसका उपयोग लोकल ट्रेनों के लिए करना, पैदल ऊपरी पुलों, एस्केलटरों, लिफ्टों आदि के माध्यम से स्टेशनों का उन्नयन और हार्बर लाइन का अंधेरी से गोरेगाँव तक विस्तार शामिल है। हाल ही में लोअर परेल स्थित एक शताब्दी पुरानी डिलायल रोड ओवर ब्रिज को 2 एवं 3 फरवरी, 2019 की दरमियानी रात्रि में सभी लाइनों पर 11 घंटों के ब्लॉक के दौरान रिकॉर्ड समय में सुरक्षित रूप से गिराया गया। मुंबई का कार्य-शक्ति का आउट पुट उपनगरीय ट्रेनों की समयपालनता पर बहुत निर्भर है। समयपालनता पर विशेष बल दिये जाने के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे अपने उपनगरीय प्रणाली पर लगभग 96 प्रतिशत से अधिक समयपालनता रखने में समर्थ रही है।
श्री भाकर ने बताया कि रेलवे आम जनता का जन वाहक है और समाज को अत्यधिक सस्ता और पर्यावरण मित्रवत परिवहन सेवाएँ उपलब्ध कराती है। यह समाज के प्रत्येक वर्ग की सेवा करती है। एक ओर जहाँ आम जनता के लिए अनारक्षित कोचों वाली अंत्योदय ट्रेनें चलाई जाती हैं, वहीं साधन-सम्पन्न वर्ग के लिए महामना और राजधानी जैसी ट्रेनें चलाई जाती हैं। आम जनता को प्रीमियम ट्रेनों जैसी सुविधाएँ देने वाली अंत्योदय ट्रेनें पश्चिम रेलवे पर चलाई जा रही हैं, जो पूरी तरह अनारक्षित होते हुए भी तुलनात्मक रूप से प्रीमियम ट्रेनों जैसी सुविधाओं से लैस है। साथ ही अब नॉन-प्रीमियम श्रेणी की वर्तमान ट्रेनों को प्रीमियम विशेषताओं से अपग्रेड करने के लिए ‘प्रोजेक्ट उत्कृष्ट’ के अंतर्गत कार्य पश्चिम रेलवे पर तीव्र गति से किया जा रहा है।
श्री गुप्ता ने दूर-दृष्टि रखते हुए हरित पहलों के साथ पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मूलभूत ढाँचे के विकास और नेटवर्क के विस्तार की नीति को अमल में लाया। गुजरात को ताप्ति वैली के कम विकसित क्षेत्रों से होते हुए पूर्वी और दक्षिणी राज्यों को जोड़ने वाली उधना-जलगाँव विद्युतीकरण सहित दोहरीकरण को फास्ट ट्रैक पर लाकर मिशन मोड में रिकॉर्ड समय में पूरा कर यातायात के लिए खोला गया। इसी प्रकार बंदरगाहों के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करने/बढ़ावा देने के द्वारा अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने वाली विभिन्न परियोजनाओं को भी फास्ट ट्रैक पर लाया गया। दूसरी ओर आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए छोटा उदेपुर को धार होते हुए इंदौर से जोड़ने वाली नई रेल लाइन परियोजना के काम में भी तेजी लाई गई। हिम्मतनगर होते हुए अहमदाबाद उदयपुर गेज परिवर्तन की एक अन्य महत्त्वपूर्ण परियोजना को भी फास्ट ट्रैक पर लाया गया है और यह जल्द की पूर्ण की जायेगी। पर्यावरण की दृष्टि से ट्रेनों से ट्रैक पर गिरने वाला ओपन डिस्चार्ज बहुत बड़ी समस्या थी। इससे निजात पाने के लिए भारतीय रेलवे ने युद्धस्तर पर बायो टॉयलेट्स लगाने का कार्य शुरू किया। पश्मिच रेलवे भी इसमें अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है तथा इसके चार रेल खंडों को ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है और 3272 ट्रेनों में 12104 बायो टॉयलेट लगा दिये गये हैं।
माल परिवहन जो अर्थ व्यवस्था की रीढ़ होता है, पर पश्चिम रेलवे का विशेष जोर रहा है। हालाँकि रेलवे सस्ता माल परिवहन उपलब्ध कराता है, तो भी विभिन्न कारणों से माल परिवहन महँगे और पर्यावरण के लिए हानिकारक साधनों की तरफ मुड़ गया था। पश्चिम रेलवे ने अपने माल परिवहन प्रणाली में विविधता लाकर पूर्व में अन्य साधनों से परिवहन किये जाने वाले मदों को रेल परिवहन के दायरे में लाया है। इस हेतु रोल ऑन-रोल ऑफ सेवाओं, ड्वार्फ डबल स्टैक कंटेनरों के संचालन तथा समर्पित रेफ्रिज़रेटेड वैन आदि की शुरुआत की पहल की गई। इन कदमों तथा पहलों के कारण वर्ष 2018-19 में दिसम्बर, 2018 तक पश्चिम रेलवे ने 62.49 मिलियन टन माल का लदान किया, जो गत वर्ष से 8.4 प्रतिशत अधिक है।
फोटो कैप्शन: पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री ए. के. गुप्ता मुंबई के होटल ताज़ लैंड्स एंड में ईटी नाऊ चैनल द्वारा आयेजित भव्य अवॉर्ड समारोह में सुश्री सैली ली-मेयर सारोगान सिटी, फिलिपिंस और श्री पॉल सदरलैंड-अध्यक्ष एवं सीईओ, सदरलैंड से प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सब्लिटी लीडरशिप अवॉर्ड प्राप्त करते हुए।