सूरत। हाथ से बने कागज पर सोने की छड़ों को पिघला कर बनाई गई स्याही से लिखी गई भागवत गीता अपने आप में खास है, लेकिन यह और भी खास हो जाती है जब लोगों को पता चलता है कि इसे मोहम्मद यूनुस नामक एक मुस्लिम शख्स ने लिखा है। जैन मुनि विजय अभ्यादेव ने 168 पन्नों की भागवत गीता की यह कॉपी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भेंट की।
इंडियन एक्सप्रेस ने खबर दी है कि सुरेंद्रनगर में रहने वाले 75 साल के यूनुस ने यह गीता अपनी पत्नियों कश्मीरा और हसीना, बेटों महमूद और यासिन के साथ मिलकर लिखी। 16 अगस्त को जब संघ प्रमुख भागवत सूरत पहुंचें तो उन्हें यह प्रति भेंट की गई। यूनुस को यह प्रति बनाने में दो महीने का वक्त लगा था। इसमें 745 श्लोकों को संस्कृत में लिखा गया है।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए यूनुस ने बताया कि वह 20 साल पहले शाकाहारी हो गए थे। उनका परिवार इस इलाके में पिछले 35 वर्षों से रह रहा है, जहां जैन, पटेल और माली वगैरह रहते हैं। यहां तक कि यूनुस के बेटे और बहु भी शाकाहारी हैं। पिता से कलिग्रफी सीखने वाले यूनुस के बेटे शेख दसवीं तक पढ़े हैं और एक निजी स्कूल में क्लर्क के तौर पर काम करते हैं।
यूनुस के परिवार को यह खास गीता लिखने का काम अभ्यादेव सुरेशवरजी ने ही दिया था। अभ्यादेव जैन मुनि हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए यूनुस ने बताया, ‘हमने धर्म परिवर्तन नहीं किया। हम रमजान, ईद और बकरीद मनाते हैं। जैन और पटेल भी हमारे घर आते हैं और हम सब खुशी से रहते हैं।’