गूगल हिंदी भाषा में अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने की जुगत में तेजी से लगा हुआ है। इसी कड़ी में उसने 14 जुलाई को यूपी की राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम आयोजन किया, जिसमें देश भर के हिंदी ब्लॉगर और इंटरनेट पर हिंदी भाषा के जानकारों को बुलाया गया।
इस कार्यक्रम में हिंदी दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ के मैनपुरी संस्करण के ब्यूरो चीफ हृदयेश सिंह को भी आमंत्रित किया गया, जिनके सुझावों पर अब गूगल आने वाले समय में हिंदी भाषा को लेकर काम करेगा और उनके साथ प्रभावी कार्ययोजना तैयार करेगी।
क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध जानकारियों को गूगल पर लाने में आ रहीं चुनौतियों पर हृदयेश सिंह ने बताया कि गांव देहातों तक लोगों से पहुंचने के लिए गूगल को आसान व सुलभ टूल विकसित करने चाहिए। गांव-देहात व आम व्यक्ति से जुड़ी जरूरतों को ध्यान में रखना होगा। हिंदी भाषा में गूगल के पास अभी सीमित सामग्री है। इसलिए क्षेत्रीय साहित्य, संस्कृति, भाषा, तकनीक आदि को गूगल पर लाना होगा। हृदयेश सिंह ने गूगल के अधिकारियों के सामने कई सुझाव रखे। जिस पर अधिकारियों ने जल्द ही काम करने की बात कही।
इस कार्यक्रम में गूगल से जुड़े देश व विदेश से आए अधिकारियों ने गूगल के नीतियों व आने वाले दिनों में नई भूमिकाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान गूगल से जुड़े गैरी ने ब्लॉग और वेबसाइट को गूगल रैंकिंग में शामिल कराने के तरीकों के बारे में जानकारी दी। इस कार्यक्रम मे गूगल की लीगल पॉलिसी के बारे में भी बताया गया।
मैनपुरी के बेहद छोटे से गांव मेदेपुर के रहने वाले हृदयेश का पूरा परिवार प्रसाशनिक सेवा में होने के बावजूद उन्होंने पत्रकारिता करने की ठानी और साल 2004-05 में दिल्ली के ‘भारतीय जन संचार संस्थान’ (IIMC) से पत्रकारिता की डिग्री हासिल ली और इसके बाद, दैनिक जागरण से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद वे डीडी न्यूज के साथ जुड़े और फिर अमर उजाला के देहरादून संस्करण के साथ सब एडिटर के पद पर काम किया। वे कुछ समय तक ‘न्यूज24’ के साथ भी काम कर चुके हैं। साल 2006 में वे सत्यम चैनल से जुड़े और तीन साल तक उन्होंने यहां बतौर एडिटर काम किया।
जनवरी, 2011 में वे दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ से जुड़े और साल 2015 में उन्हें प्रमोट कर सीनियर सब एडिटर बनाया गया। फिलहाल इन दिनों वे मैनपुरी के ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
साभार- http://samachar4media.com/ से