पूरे देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच लोनवला के नजदीक बने ऐतिहासिक अमृतांजन पुल को धमाके के जरिए ढहाया जाएगा। 187 साल पुराना यह पुल मुंबई और पुणे को जोड़ता है। इसकी जानकारी शुक्रवार को अधिकारियों ने दी। उन्होंने बताया कि रायगढ़ के जिलाधिकारी ने महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) को पुल को ध्वस्त करने की अनुमति दी है। इस पुल का निर्माण ब्रिटिश काल में सन 1830 में बनाया गया था।
अधिकारी ने कहा कि चूंकि मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर कोविड-19 की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण ट्रैफिक काफी कम हो गया है, इसलिए अधिकारियों ने पुल को गिराने की अनुमति दे दी है। उन्होंने कहा कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के दोनों लेन पर 10 किलोमीटर के हिस्से पर ट्रैफिक डायवर्जन किया जाएगा।
अमृतांजन पुल पिछले कई सालों से वाहनों के आवागमन के लिए बंद है क्योंकि यह जर्जर स्थिति में है। अधिकारी ने बताया कि एमएसआरडीसी ने पहले पुल के संरक्षण भारतीय रेलवे को पत्र लिखकर इसे ध्वस्त करने की अनुमति मांगी थी।
इसके अलावा सुरक्षा प्रदान करने और यातायात को नियमित करने के लिए जिलाधिकारी और राज्य राजमार्ग पुलिस से भी संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण 1830 में अंग्रेजों द्वारा किया गया था। इस मार्ग पर कई दुर्घटनाएं हो चुकी है।
इस ऐतिहासिक पुल का मनोरम खंडाला घाट पर पर्यटक के आकर्षण का केंद्र हैं जहां वह तस्वीरें खिंचवाते हैं। हालांकि एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद यह यातायात में व्यवधान पैदा कर रहा था। राजमार्ग सुरक्षा गश्ती (एचएसपी), ठाणे के पुलिस अधीक्षक, दिगंबर पी प्रधान ने अपने आदेश में कहा, ‘अमृतांजन पुल को ध्वस्त करने की योजना लंबे समय से चल रही थी लेकिन एक्सप्रेसवे पर भारी ट्रैफिक की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा था। हालांकि लॉकडाउन और कम ट्रैफिक की वजह से एमएसआरडीसी ने इसे ध्वस्त करने का फैसला लिया है।’
पुलिस के अनुसार, अक्सर पुल की पुरानी संरचना के पास भीड़ की वजह से ट्रैफिक जाम लगता है। मुंबई और लोनावला के बीच रेलवे ट्रैक विकसित करने के लिए जिम्मेदार ब्रिटिश अधिकारी कैप्टन ह्यूज ने एक साल में इस पुल का निर्माण किया था। पुल बाद में राज्य के दो शहरों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बन गया था।