बुनकरी की कला को 62 वर्षीय हेमप्रभा ने नई ऊंचाइयों पर ला खड़ा किया है। उन्होंने कपड़े में पूरी श्रीमद्भगवद्गीता बुनी है। आप यह जानकर तब और भी हैरान रह जाएंगे कि हेमप्रभा ने पूरी गीता की कपड़े पर संस्कृत भाषा में बुनाई की है। उन्होंने गीता के 700 श्लोकों को कपड़े पर बुनकर ये चमत्कार कर दिखाया है।
डिब्रूगढ़ के मोरान की रहनेवालीं हेमप्रभा ने रविवार को बुनाई का यह कार्य पूरा किया। वह पिछले 20 महीनों से पूरी शिद्दत के साथ इसे सजाने में जुटी हुई थीं। उन्होंने भगवद्गीता की बुनाई का काम 4 दिसंबर 2016 को शुरू किया था। हेमप्रभा ने श्लोकों की बुनाई मुगा सिल्क के कपड़े पर की है। यही नहीं, उन्होंने अंग्रेजी भाषा में भी इसके एक अध्याय को बुना है।
हेमप्रभा ने सोमवार को बातचीत में कहा, ‘हमारी संस्कृति, हमारे धर्म में बेहद महत्वपूर्ण मानी जानेवाली श्रीमद्भगवद्गीता के रूप में यह कार्य पूरा करने की मेरी इच्छा थी। मैंने इससे पहले संकरदेव के गुनमाला और माधवदेब के नामघोष भी कपड़े पर बुने हैं। मुझे खुशी होगी यदि मेरे द्वारा तैयार की गईं यह खास चीजें संभालकर म्यूजियम में रखी जाएंगी।’
गौरतलब है कि वर्ष 2014 में हेमप्रभा ने 80 फीट लंबे मुगा सिल्क के कपड़े पर संकरदेव की गुनमाला की बुनाई की थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2016 में वैष्णव लोगों के धर्म ग्रंथ नामघोष को भी कपड़े पर अपनी बुनकरी के जरिए उतार दिया। अपनी इस बुनकरी की कला के लिए उन्हें कई सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है।
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से