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ताजमहल को पीछे छोड़कर महाबलीपुरम कैसे विदेशियों के आकर्षण का केंद्र बना

स्विट्जरलैंड के एंड्रियास स्टाइगर ने इस साल के जुलाई तक मामल्लापुरम (महाबलीपुरम) के बारे में नहीं सुना था। उन्हें इसके बारे में पता सबसे पहले इंडियन: डेर सुडेन (इंडिया: द साउथ) पढ़ने पर चला। एक पर्यटक के रूप में उनकी भारत की यात्रा का मतलब था, ताजमहल देखना।

एंड्रियास स्टाइगर कहते हैं कि जर्मन में लिखी गई ट्रेवल गाइड ने उन्हें भारत के अन्य आश्चर्यों के प्रति आंखें खोल कर रख दी। वो आगे कहते हैं कि चूंकि मैं एक अकेले यात्रा पर था और मैंने कम से कम एक गंतव्य स्थान पर जाने का फैसला लिया और दक्षिण की ओर चल पड़ा। पुस्तक ने उन्हें दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर ले जाने में मदद की। गाइड की ओर इशारा करते हुए वह कहते हैं कि वो उन्हें शहर के सबसे प्रसिद्ध शोर मंदिर के भ्रमण पर ले जा रहे हैं।

पिछले सप्ताह जारी Indian Tourism Statistics 2022 के अनुसार साल 2021-22 में महाबलीपुरम सबसे अधिक विदेशी पर्यटक वाला स्थान के रूप में उभरा। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से लगभग 57 किलोमीटर दूर इस मंदिर वाले शहर ने पर्यटकों के मामले में ताजमहल को भी पीछे छोड़ दिया है। 7 वीं और 8 वीं शताब्दी की धार्मिक संरचनाओं वाले इस पर्यटन स्थल ताजमहल के 12 प्रतिशत के मुकाबले 46 प्रतिशत विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।

इसका एक कारण कोरोना महामारी और यात्रा पर सख्त प्रतिबंध भी है, जिसने भारत के सबसे प्रसिद्ध स्मारक में पर्यटकों की संख्या में कमी ला दिया। पिछले वित्त वर्ष में सिर्फ 318,673 विदेशी पर्यटक भारत आए। साल 2019-20 में लगभग 27.6 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए थे जिसमें सबसे अधिक ताजमहल को देखने आए थे। 2021-21 में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक नालंदा अवशेष को देखने आए जबकि महाबलीपुरम पांचवें स्थान पर था और ताजमहल आठवें स्थान पर।

लेकिन अब महाबलीपुरम की लोकप्रियता में तेजी से वृद्धि हो रही है। साल 2019-20 में यहां कुल 53,422 विदेशी पर्यटक आए थे जबकि 2021-22 में यह 171 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 144,984 पर पहुंच गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ऐतिहासिक बैठक थी जिसने इस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की किस्मत बदल दी। दोनों नेताओं ने तब शोर मंदिर, पंच रथों का दौरा किया था, जो अखंड भारतीय रॉक-कट वास्तुकला को दर्शाता है।

अगस्त में यहां शतरंज ओलंपियाड ने भी इस तटीय शहर के प्रति लोगों का ध्यान खींचा। यह पहली बार था जब भारत ने ओलंपियाड की मेजबानी की थी।

तमिलनाडु सरकार के टूरिस्ट वार्डन पी पोन्नूचामी कहते हैं कि मोदी और शी जिनपिंग की यात्रा तथा शतरंज ओलंपियाड के कारण हमें व्यापक प्रचार मिला है।

एक यह भी तथ्य है कि महाबलीपुरम से 95 किलोमीटर दूर एक और सुंदर और ऐतिहासिक शहर पुडुचेरी इसके पक्ष में काम करता है। विदेशी पर्यटक आम तौर पर यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी से आते हैं, जबकि बेंगलुरु, मुंबई, कोलकाता और दिल्ली घरेलू यात्रियों का एक हिस्सा बनाते हैं।

महाबलीपुरम पर्यटन के व्यवसाय में एक पसंदीदा स्थान बन रहा है। Sheraton Grand Chennai Resort and Spa के महाप्रबंधक अमित कुमार कहते हैं कि यह बेंगलुरु से सिर्फ सात घंटे की ड्राइव पर स्थित है। इसलिए वहां से यात्री ममल्लापुरम और पांडिचेरी क्लब जाते हैं। पिछले तीन महीनों में हमने घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह की यात्राएं खोली हैं। अगर मैं पिछले साल से तुलना करूं तो मैं कहूंगा कि करीब 70-75 फीसदी की वृद्धि हुई है।

कारोबारियों का भी कहना है कि पिछले साल से कारोबार में सुधार हुआ है। तमिलनाडु वानीगर संगंकालिन पेरामाइप्पु के अध्यक्ष ए एम विक्रम राजा का कहना है कि पर्यटन और समुद्री उद्योग क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में प्रमुख योगदानकर्ता हैं।

एक ऑटो रिक्शा चालक प्रशांत जो केवल अपना पहला नाम बताता है, का कहना है कि अब वह पिछले साल की समान अवधि के दौरान 500 रुपये की तुलना में प्रतिदिन 1,500 रुपये से अधिक कमाता है।

हालांकि कुछ लोगों का मानना अलग है। शोर मंदिर परिसर में एक हस्तशिल्प की दुकान The Boutique के मालिक जगदीश कहते हैं कि हम बिक्री के मामले में कोई बड़ा बदलाव नहीं देख रहे हैं। यह कोविड से पहले की तुलना में केवल 40 प्रतिशत है।

हस्तशिल्प और खाने का सामान बेचने वाले लोग का भी यही मानना है कि बिक्री कम है। मछली बेचने वाली सुगंधि पी कहती हैं कि हम उम्मीद करते हैं कि त्योहारी सीजन के बाद चीजें बढ़ेगी क्योंकि कोविड लगभग खत्म हो चुका है।

अगस्त में आयोजित शतरंज ओलंपियाड के लिए तमिलनाडु सरकार ने ईस्ट कोस्ट रोड सहित विकासशील सड़कों पर लगभग 100 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके अलावा बुनियादी ढांचे को दुरुस्त करने पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

ओलंपियाड के दौरान 200 मीडियाकर्मियों सहित 187 देशों के 3,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने मामल्लापुरम का दौरा किया। पूरी दुनिया की निगाहें टिकी थी।

चेंगलपट्टू जिला जिसके अंतर्गत महाबलीपुरम आता है, वहां के जिलाधिकारी राहुल नाथ का कहना है कि पांडिचेरी से निकट तथा चेन्नई में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होने के कारण और एक ही स्थान पर कई पर्यटन स्थलों की उपस्थिति शहर को लाभ पहुंचा रही है। हम अब बुनियादी ढांचे में सुधार करना चाह रहे हैं। एक नए बस स्टैंड पर लगभग 60 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और हम जल्द ही कोवलम ब्लू बीच पर एडवेंचर स्पोर्ट्स भी शुरू करेंगे।

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