मणिपुर के बाद अब बंगाल राजस्थान झारखंड की महिलासों का वीडियो घर घर पहुंच रहा है। जिन महिलाओं का चीरहरण एक बार हुआ आज वायरल होते ऐसे वीडियो के साथ उन्हीं महिलासों का चीरहरण बार बार अनगिनत बार हो रहा है। इसका जिम्मेवार कौन है?
पहले मणिपुर की तीन महिलाओं के चीर हरण को शस्त्र की तरह वायरल किया गया और सुप्रीम कोर्ट की बेवकूफी व चयनात्मक रोष के कारण अब बंगाल राजस्थान झारखंड की महिलाओं के चीर हरण के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। तीन महिलाओं की बेवसी से शुरू हुई सभ्यता की बहस अभी थमी भी नहीं थी कि देश के विभिन्न राज्यों से वैसी ही वीभत्स चित्र सामने आने लगी है, एक वीडियो की शक्ल में। जिसे प्रत्येक व्यक्ति अलग मनोभाव से देख रहा है। किसी की भावना आहत हो रही है तो कोई शस्त्र के रूप में इसे प्रयोग में ला रहा है और नारी सम्मान की बात अब समर भूमि का अस्त्र शस्त्र बन कर रह गई।
जब भावनाएं शस्त्र बनेंगी तो यकीनन लहू मर्यादाओं का ही बहेगा।
न सुप्रीम कोर्ट सिर्फ मणिपुर पर वैचारिक उल्टियां करता और न दूसरे प्रांत की महिलासों का चीर हरण ऐसे सार्वजनिक रूप से हो रहा होता।
सुप्रीम कोर्ट को अपनी प्रतिष्ठा और पद की गरिमा का ख्याल नहीं रहा तो यकीनन इनकी स्थिति भो राजनीतिक भोंपू की तरह हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट की वैचारिक सन्तुष्टि भले ही मिल गई हो किंतु जितने भी वीडियो वायरल होंगे और देखे जाएंगे उन महिलाओं का उतनी ही बार चीर हरण होगा। और इन सभी चीर हरण का दोषी सुप्रीम कोर्ट होगा।