Saturday, November 23, 2024
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एक कप दही कितने काम का!

मेरे घर की रसोई में दही बारह महीने देखने मिल सकता है। अब हम ठहरे दक्षिण भारत के लालन पालन वाले नानी के घर में खानपान के दौरान दही सबसे महत्वपूर्ण हुआ करता था। थाली में सबसे आखिरी में दही भात जरूर परोसा जाता था। ठंड हो, गर्मी हो या बारिश तूफान, दही हर मौसम में भोजन का हिस्सा बना रहता और ये सिलसिला अब तक चला आ रहा है। शुरुआत में आनाकानी करने पर मुझे बताया गया कि दही खाओगे तो हड्डियाँ मजबूत रहेंगी और खाने को डाइजेस्ट करने में आसानी भी होगी। कुछ समय पहले, यहीं सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मैंने कर्नाटक के शिवमोग्गा में मिलीं 78 वर्षीय हर्बल जानकार महिला माथम्मा के बारे में बात किया था। उन्ही माथम्मा से दही के बारे में उनका अनुभव सुनकर मेरे होश ठिकाने में नहीं थे। उन्होंने बताया था कि दही जाँघों और कमर पर बनी चर्बी को कम करने में मदद करता है, बशर्ते लोग खानपान को संतुलित भी रखें। मेरे होश इसलिए उड़ रखे थे क्योंकि मैंने दही से जुड़ी कई क्लिनिकल स्टडिज़ पहले से पढ़ रखी थी। मैं हैरान था कि इतनी सटीक जानकारी इन बुजुर्ग महिला को बगैर किसी किताबी ज्ञान के कैसे पता थी? एक्सपीरियंस हमेशा एक्सपेरिमेंट्स से बड़ा होता है, ये परम् सिद्ध है। कोर्टिसोल एक ऐसा हॉर्मोन है जिसके कम प्रोडक्शन से हमारी वेस्टलाइन पर फैट जमने लगता है। दही में पाया जाता है कैल्शियम, और यही कैल्शियम कोर्टिसोल के प्रोडक्शन को ट्रिगर करने का काम करता है यानी इसका उत्पादन ज्यादा करता है। आया समझ? एक कप दही खाने से दिनभर के लिए आवश्यक कैल्शियम का 49% हिस्सा मिल जाता है। दही में प्रोटीन भी पाया जाता है। करीब 200 ग्राम दही में 12 ग्राम तक प्रोटीन होना इसे बेहद ख़ास बनाता है। Impact of yogurt on appetite control, energy balance and body composition टाइटल के साथ छपी इस क्लीनिकल स्टडी को पढ़ेंगे तो पाएंगे कि दही का कैल्शियम, प्रोटीन के साथ मिलकर भूख मिटाने या कम करने वाले हॉर्मोन्स (जैसे पेप्टाइड YY और GLP-1) को बढ़ा देता है। यानी दही भूख भी मारता है और साथ साथ शरीर के लिए आवश्यक कंपाउंड्स भी देता है, एक तीर दो निशाने? अब बात करता हूँ माथम्मा द्वारा दी जानकारी पर मेरी हैरानी की। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी (लंदन) 2016 में कुल 13631 आर्टिकल्स को आधार मानकर छपे एक रिव्यू आर्टिकल से जानकारी मिलती है कि हमारे लोअर बॉडी और कमर के फैट को सिकोड़ने या कम करने में दही खूब असर करता है। अब करना क्या है? वजन सम्हालने की कोशिश कर रहें हैं तो दही कंज्यूम करना शुरू करें। एक बात और भी है जो परम् सिद्ध है, अकेले दही के भरोसे वजन कम नहीं होने वाला… अच्छी, हैल्दी डाइट लें, सुबह का उगता सूरज देखना शुरू करें, सुबह घूमने निकलें, वर्जिश करें, पसीना बहाएं, वक्त मिले तो धूप में बैठकर अखबार पढ़ लें, साथ में चाय की चुस्की भी मारते जाएं, और सबसे ख़ास बात… दिन में सोना भूल जाएं। फिर दोहरा दूँ, अकेले दही के भरोसे रहकर वजन कम करने की बिल्कुल ना सोचें। मेरी सलाह मानेंगे तो रिजल्ट विजल्ट मिल भी जाएंगे, वरना पीते रहें अमका ढमका टाइप की चाय, जूस, स्मूदी… आजमाते रहें आलतू फालतू डाइटिंग टिप्स, और खाते रहिए बेवकूफ बनाने वाले, वजन कम करवाने का दावा करने वाले कैप्सूल्स… कुछ न होने वाला, बाज़ार फिरकी ले रहा है आपकी दुनिया का कोई कैप्सूल या टेबलेट या डाइट प्लान आपको स्वस्थ रखते हुए फिट नहीं बना सकता, शर्त लगा लीजिये। प्लान्ड डाइट (चार्ट वाला खानपान) बकवास फंडा है, सब कुछ खाएं, बस लिमिट से और खुद को एक्टिव रखें। ये गूगल का कॉपी पेस्ट ज्ञान नहीं है। बढ़िया शेयर करें, दही की खासियत सबको पता भी चले, बस ध्यान रहे कि लेख को और लिखने वाले को सम्मान मिले, ये देसी ज्ञान का सम्मान होगा। देश का ज्ञान है, मुस्कुराइये कि आपके देश में मथम्मा जैसे बुजुर्ग हैं जिनका ज्ञान डिग्रीवाले विज्ञानधारियों से इक्कीस है। शुद्ध देसी रहो, भटको और टनाटन रहो… मंज़िल नहीं, पगडंडी खोजो… साभार- t.me/modified_hindu4/28751 से

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