गुजरात के अहमदाबाद में कभी कुड़ा बिनने वाली मंजुला वघेला का आज कुल टर्नओवर 1 करोड़ रुपए सालाना है। मंजुला वघेला कभी सड़कों पर कूड़ा-कचरा बीनकर अपना गुजारा करती थी। 1981 तक दिन भर कूड़ा बीनने के बाद उसे सिर्फ 5 रुपए ही मिलते थे।
मंजुला की उम्र आज 60 साल है और वह सौंदर्य सफाई उत्कर्ष महिला सेवा सहकारी मंडली लिमिटेड नाक की एक को-ऑपरेटिव की मुखिया हैं जिसके 400 सदस्य हैं। ये लोग मिलकर 45 इंस्टीट्यूशंस और सोसाएटी को क्लीनिंग और हाउसकीपिंग की सुविधा मुहैया कराते हैं। इस समय इस को-ऑपरेटिव का कुल टर्नओवर 1 करोड़ रुपए सालाना है।
सबसे पहले सौंदर्य मंडली 40 महिलाओं के साथ शुरू हई थी, जो कंपनियों को सफाई की सेवा मुहैया कराती थी। सौंदर्य मंडली की स्थापना इलाबेन भट्ट् की संस्था सेल्फ एंप्लॉयड वुमेन्स एसोसिएशन के संपर्क में आने के बाद हुई।
मंजुला ने बताया कि सबसे पहले नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन ने उन्हें सफाई का काम दिया। उसके बाद फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी ने सौंदर्य मंडली की 15 महिलाओं को काम पर रखा। उस समय मंजुला चीफ सुपरवाइजर थीं। उन्होंने बताया कि अथॉरिटीज को को-ऑपरेटिव के साथ रजिस्टर कराने के लिए उन्हें 5 साल का समय लग गया। जिसके बाद हर साल सौंदर्य मंडली की तरक्की बढ़ती चली गई।
साभार-http://timesofindia.indiatimes.com/ से