Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeपत्रिकाकला-संस्कृति"अनहद नाद का मंचन” 28 जनवरी ,2017 (शनिवार) को सुबह 11 बजे...

“अनहद नाद का मंचन” 28 जनवरी ,2017 (शनिवार) को सुबह 11 बजे मुंबई में !

कला एक खोज है … निरंतर खोज ..जो कहीं रूकती नहीं है ..बस जीवन को लगातार जीवन और मनुष्यों को मनुष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध होती है उनको लगातार शुद्दिकरण की प्रक्रिया के अनुभव लोक की अनुभति से जीवन और मनुष्य के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए… इंसान और इंसानियत का बोध और निर्माण करते हुए… कलाकार साधक हैं ..जो अपनी कला साधना से तपाता है अपने आप को और एक खोजी रूह की अनंत खोज में स्वयं समर्पित कर विश्व को अपनी कला से रचनात्मक दृष्टि देकर प्रेरित करतें हैं …

unnamed (1)

कलाकार मात्र अपना पेट भरने के लिए कलाकार नहीं होता अपितु मानव के जीवन को कलात्मक और प्रकृति की लय और ताल से जोड़ते हैं ..क्योंकि ये प्राकृतिक लय और ताल जब टूटते हैं तो मनुष्य विध्वंसक होकर अपने आप को नष्ट करता है … आज मनुष्य अपने इसी विध्वंसक रूप के चरम पर बैठा है और अपनी चालाकी से उसे विकास कह रहा है …जबकि चारों और हिंसा और हाहाकार है ..
कला और कलाकारों को बाज़ार ने अपने चुंगल में जकड़ कर कठपुतली बना लिया है ..और उन्हें मात्र एक बिकाऊ वस्तु के रूप में जनमानस में परोस रहा है टाइम पास और उपभोग के लिए … ऐसे चुनौतीपूर्ण काल में अफ़सोस कर …बैठने की बजाय हमने कला एक वस्तु ..उत्पाद नहीं है और कलाकार कोई उत्पाद का कारखाना नहीं है .. कला और कलाकार की उन्मुक्तता पर नाटक लिखा “अनहद नाद – Unheard sounds of Universe”… जिसका २९ मई २०१५ को मुंबई के रविन्द्र नाट्य मंदिर में प्रथम मंचन से दर्शकों को लोकार्पित किया और तब से अब तक इसका प्रदर्शन निरंतर हो रहा है और दर्शकों का प्रेम और प्रगाड़ हो रहा है …

unnamed

इस कलात्मक मंचन में आप सब सादर आमंत्रित है 28 जनवरी ,2017 (शनिवार) को सुबह 11 बजे मुंबई के शिवाजी मंदिर नाट्य मंदिर में….

इस सफलता को अर्जित करने वाले कलासाधक हैं … अश्विनी नांदेडकर , सायली पावसकर,तुषार म्हस्के, और कोमल खामकर ..इन कलासाधकों ने अपने अथक और कलात्मक साधना से इस दिव्य स्वप्न को साकार किया है …

unnamed (7)

एक्सपेरिमेंटल थिएटर फाउंडेशन विगत २५ वर्षों से देश विदेश में अपनी प्रोयोगात्मक , सार्थक और प्रतिबद्ध प्रस्तुतियों के लिए विख्यात है . सम्पर्क – 09820391859,ईमेल – etftor@gmail.com


Manjul Bhardwaj
Founder – The Experimental Theatre Foundation www.etfindia.org
www.mbtor.blogspot.com

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार