नेक्सस की पूर्व प्रतिभागी दृष्टि मेधी अपने स्टार्ट-अप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म क्विकघाई के माध्यम से कामगारों को ज़रूरी कौशल और बाज़ार तक पहुंच सुनिश्चित कर सशक्त बना रही हैं।
दृष्टि मेधी (बाएं) ने कामगारों को सशक्त बनाने के लिए क्विकघाई की सह-स्थापना की, जिसके तहत कौशल को बेहतर बनाने के साथ ही, उन्हें बाज़ार तक आसान पहुंच दिलाने की कोशिश भी की गई। (फोटोग्राफः साभार दृष्टि मेधी)
भारत में लगभग 45 करोड़ कामगार मौजूद हैं और देश के कामगारों में गिग अर्थव्यवस्था के कामगारों की संख्या सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। असम स्थित क्विकघाई, श्रमिक कार्यबल को सशक्त बनाने के लिए गठित एक सर्विस प्लेटफॉर्म है जिसकी सह संस्थापक नेक्सस स्टार्ट-अप हब और एकेडमी फॉर वुमेन ऑंट्रप्रिन्योरर्स (एडब्ल्यूई) की पूर्व प्रतिभागी दृष्टि मेधी हैं। यह प्लेटफॉर्म गिग श्रमिकों को प्रशिक्षण और उन्हें बाजार तक आसान पहुंच देता है। क्विकघाई पेशेवर सेवाओं के लिए एक ऐसा बाजार या केंद्र प्रदान करता है जहां हर किसी को अपनी निजी ज़रूरतों के लिहाज से श्रमिक कार्यबल मिल सकता है।
प्रस्तुत है मेधी से किए गए इंटरव्यू के मुख्य अंश:
उद्यमिता में आपकी दिलचस्पी किस तरह से हुई?
मेरी इस यात्रा की शुरुआत तब हुई जब मैं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की विद्यार्थी हुआ करती थी। कॉलेज के पहले वर्ष से मुझे इस बात का आभास था कि मैं ऐसे स्थान पर काम करना चाहूंगी जहां मेरे काम का कुछ असर हो। एक व्यावसायिक परिवार में बड़े होने पर मुझे एक उद्यमी की तरह सोचने में मदद मिली।
एक उद्यमी होने में आपको क्या पसंद आता है? आप किस तरह की चुनौतियां देखती हैं?
एक उद्यमी होने का सबसे बेहतरीन पक्ष तो यही होता है कि आपको एक मुकाम हासिल करने की जल्दी होती है और साथ ही समाधान खोजने की खुशी भी। आप हमेशा कुछ न कुछ सीखते हैं, जो और किसी तरीके से मुमकिन नहीं।
सबसे कठिन चीज वह है जो सिर्फ आपको झेलनी पड़ती है। कई हितधारकों को प्रबंधित करना, जवबादेही, पैसों का बंदोबस्त और बाजार के हालात से खुद को अपडेट रखना, ये सभी बहुत अहम हैं और इसमें ढिलाई भारी पड़ सकती है। फिर भी लोगों ने इसे किया है और सफलता भी पाई है।
कृपया क्विकघाई की कुछ सफलताओं को हमसे साझा करें?
क्विकघाई को 2022 में भारत सरकार के सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय ने भारत के शीर्ष पांच स्टार्ट-अप में से एक के रूप में मान्यता दी थी। हमें अमेरिकी दूतावास, नई दिल्ली के नेक्सस कार्यक्रम से मदद मिली। असम सरकार के असम कौशल विकास मिशन के साथ भी हमारी साझेदारी है।
क्विकघाई के पास मौजूदा वक्त में कितने सर्विस पार्टनर और प्रयोगकर्त्ता हैं?
क्विकघाई के रखरखाव और सेवा श्रेणियों में 300 से अधिक सर्विस पार्टनर हैं। अभी तक हमने पूरे असम में 6000 से अधिक ग्राहकों को सेवा प्रदान की है, और अगले वर्ष में समूचे पूर्वोत्तर भारत में इसका विस्तार करने की योजना है।
नेक्सस और एडब्ल्यूई जैसे कार्यक्रमों और वीवी विजनरीज़ फेलोशिप से आपको किस तरह की सीख मिली? एक उद्यमी के रूप में आपकी यात्रा को इनकी वजह से किस तरह का आकार मिला?
उद्यमिता की यात्रा अकेले तय करनी पड़ सकती है, और विकास के लिए बेहतरीन सहकर्मियों का नेटवर्क होना भी खासा मायने रखता है। (इन कार्यक्रमों के माध्यम से) मैंने हमेशा ऐसे दोस्त बनाए हैं जो एक जैसे सोचते हैं और व्यवसाय एवं नवप्रवर्तन के बारे में बातचीत के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। नेक्सस खासतौर पर एक अच्छी तरह से परिभाषित नौ ह़फ्तो का कार्यक्रम है जो बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित रखता है और हमेशा फीडबैक के लिए प्रोत्साहित करता है। पीयर टू पीयर फीडबैक सिस्टम अविश्वसनीय रूप से मददगार रहा है। वाइटल वॉयसेज़ (विजनरीज़ फेलोशिप) के साथ मुझे महिला नेतृत्वकर्ताओं के एक वैश्विक नेटवर्क से मिलने का अवसर मिला। यह एक ऐसा नेटवर्क है जिसके साथ मैं हमेशा अपने विचारों पर चर्चा कर सकती हूं, लक्ष्य साझा कर सकती हूं और उनसे सहायता भी ले सकती हूं।
क्या आपके पास भविष्य का कोई रोमांचक प्रोजेक्ट या साझेदारियां हैं?
क्विकघाई स्किल फर्स्ट प्लेटफॉर्म की सोच पर केंद्रित है, जो अब सेमी स्किल्ड या अर्धकुशल कार्यबल के क्षेत्र की तरफ बढ़ रहा है, और हम एक ऐसी सुविधा पर काम कर रहे हैं जो मौजूदा कौशल अंतर को पाटने का काम करेगी। एक साल के अंदर हम इसे शुरू कर देंगे।
जैसन चियांग स्वतंत्र लेखक हैं और सिल्वर लेक, लॉस एंजिलीस में रहते हैं।
(चित्र में –दृष्टि मेधी (बाएं) ने कामगारों को सशक्त बनाने के लिए क्विकघाई की सह-स्थापना की, जिसके तहत कौशल को बेहतर बनाने के साथ ही, उन्हें बाज़ार तक आसान पहुंच दिलाने की कोशिश भी की गई। (फोटोग्राफः साभार दृष्टि मेधी)