भारतीय अंतरिक्ष शोध के इतिहास में इसरो अब एक और बुलंदी को छूने को बेताब है। पीएसएलवी सी34 रॉकेट के जरिए इस साल मई में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 उपग्रहों को उनकी कक्षा में पहुंचाने की तैयारी चल रही है।
एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, इस रॉकेट से एक भारतीय रिमोट सेंसिंग सेटेलाइट कारटोसेट 2सी के अलावा 85 से 130 किलोग्राम के चार माइक्रो सेटेलाइट और 4 से 30 किलोग्राम के 17 नैनो सेटेलाइट अंतरिक्ष में छोड़े जाएंगे।
18 सेटेलाइट विदेशी हैं, जिसमें अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंडोनेशिया के सेटेलाइट्स शामिल हैं। दो नैनो सेटेलाइट्स पुणे इंजीनियरिंग कॉलेज और सत्यभामा विश्वविद्यालय ने बनाए हैं।
वीएसएससी के निदेशक के सिवन ने सोमवार को बताया कि इस पीएसएलवी रॉकेट को इस मिशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
गौरतलब है कि अप्रैल 2008 में इसरो ने पीएसएलवी सी9 रॉकेट से 10 सेटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा था।