2024 के आम चुनाव इस तथ्य का संकेत है कि जनता ही जनार्दन है। जनता की मूलभूत समस्याओं का निजात करके शासक वर्ग मजबूत स्थिति में हो सकता है। जाति वर्गीकरण में पाया गया है कि सबसे ज्यादा बेरोजगारी उच्च जाति में है, जिसकी हिमायती राजनीतिक दल को सोचने के लिए फुर्सत नहीं था। भाजपा को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश से ही मिला जो वोटो के दृष्टि से परंपरागत मतदाताओं का गढ़ रहा है। विकसित भारत की संकल्पना और देश की तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने जैसे वादे को देश के निधन- वंचित वर्ग को आकर्षित करने में असफल रहा है ।
आम चुनाव ,2024 से राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की राजनीति और मजबूरी की राजनीति की वापसी हुई है। भारतीय राजनीति में मौसम वैज्ञानिक के नाम से जाने जाने वाले सुशासन बाबू गठबंधन की राजनीति को दबाव की राजनीति में तब्दील कर देते है।समय का तकाजा और दूरदर्शिता के अभाव में सुशासन बाबू शासक निर्माण की भूमिका में है।इसी तरह की वाक्या चंद्रबाबू नायडू जी का भी है की वह गठबंधन की राजनीति को मलाईदार मंत्रालय और अपनी मांगों के लिए भरपूर इस्तेमाल करते है। दोनों राजनेताओं की खूबी है की अवसर का लाभ प्रत्येक चरण पर उठाने में माहिर है।गठबंधन की राजनीति मजबूरी की राजनीति में बदल जाती है ।विधायिका कार्यपालिका से मजबूत होती है तो विकास की राजनीति पटरी से नीचे आ जाती है।
संप्रति सवाल यह है कि भाजपा उत्तर प्रदेश में हीन स्थिति में क्यों हो गई? तात्कालिक स्तर पर सबसे बड़ा कारण युवाओं का गुस्सा था। संगठन और सरकार में सामंजस्य का अभाव भी कारण रहा है। अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के कारण समूचा देश राममय में हुआ था जिससे भाजपा अतिविशवास में थी, लेकिन उत्तर प्रदेश में राम नहीं रंग ला पाए।
सबसे बड़ा संकट यह रहा कि अयोध्या मंडल के सभी सीटों से हाथ धोना पड़ा है ।उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान युवाओं के गुस्से, बड़े नेताओं के परस्पर अहम ,स्थानीय स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार और अलोकप्रिय लोगों को टिकट वितरण से है जिनको शीर्ष नेतृत्व समय से समझ नहीं सका था।
इस जनादेश का संदेश यह भी है कि संगठन को जमीनी लोगों पर विश्वास करना होगा। जब नेतृत्व चापलूस और चाटुकार से फीडबैक लेने लगे तो संगठन हीनतर (कमजोर)स्थिति में आ जाती है। यूपी में ऐसे नेताओं की लंबी सूची रही है जिनको जनता की नब्ज टटोलने से कोसों भर दूर रहे हैं।
जमीनी कार्यकर्ता नाराज होकर उत्तर प्रदेश सरकार को सुधार का संदेश दिया है। यह सत्य है कि भाजपा द्वारा 240 सीटों की जीत मोदी जी के व्यक्तित्व के कारण मिला है ।भाजपा को 46% वोट मिले है। भारतीय जनता पार्टी को परंपरागत मतदाताओं पर विशेष ध्यान देना होगा,क्योंकि निश्चित और परंपरागत मतदाताओं के भरोसे सरकार बनती है।फ्लोटिंग(बहने वाले मतदाता) कब किधर चले जाए ! यह तथ्य समाज वैज्ञानिकों के शोध का प्रकरण अभी भी बना हुआ है।
(लेखक राजनीति विश्लेषक हैं)