Wednesday, July 3, 2024
spot_img
Homeखबरेंजाने अनजाने हम ये ज़हर तो नहीं खा रहे हैं

जाने अनजाने हम ये ज़हर तो नहीं खा रहे हैं

#अजीनोमोटो को हम इसके रासायनिक नाम मोनो सोडियम ग्लूटामेट के नाम से भी जानते हैं ! इसको संक्षिप्त में हम एमएसजी नाम से भी जानते है. ..अजीनोमोटो की कंपनी का मुख्य कार्यालय चोओ, टोक्यो में स्थित है ! यह 26 देशों में काम करता है. इसका इस्तेमाल ज्यादातर चीन की खाद्य पदार्थो में खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। पहले हम अधिकांशतः घर पर बने खाने को खाते थे,लेकिन अब लोग चिप्स, पिज्ज़ा और मैगी जैसे खाने को ज्यादा पसंद करने लगे हैं !

जिनमे अजीनोमोटो का इस्तेमाल होता है. इसका इस्तेमाल कई डिब्बाबंद फ़ास्ट फ़ूड सोया सॉस, टोमेटो सॉस, संरक्षित मछली जैसे सभी संरक्षित खाद्य उत्पादों में किया जाता है.
अजीनोमोटो को पहली बार 1909 में जापानी जैव रसायनज्ञ किकुनाए इकेडा के द्वारा खोजा गया था. उन्होने इसके स्वाद को मामी के रूप में पहचाना जिसका अर्थ होता है
सुखद स्वाद.कई जापानी सूप में इसका इस्तेमाल होता है. इसका स्वाद थोडा नमक के जैसा होता है. देखने में यह चमकीले छोटे क्रिस्टल के जैसा होता है. इसमें प्राकृतिक रूप से एमिनो एसिड पाया जाता है।

आज दुनिया के हर कुक खाने में स्वाद को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हे। एमएसजी का इस्तेमाल सुरक्षित माना गया है। इसका इस्तेमाल पहले चीन की रसोई में होता था,
लेकिन अब ये धीरे धीरे हमारे भी घरों की रसोई में अपना पैठ बना चुका है.अपने समय को बचाने के लिए जो हम 2 मिनट में नुडल्स को तैयार कर ग्रहण करते है इस तरह के अधिकांशतः खाद्य पदार्थो में यह पाया जाता है जो धीरे धीरे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं।

यह एक प्रकार से नशे की लत जैसा होता है अगर आप एक बार अजीनोमोटो युक्त भोजन को ग्रहण कर लेते है,तो आप उस भोजन को नियमित खाने की इच्छा रखने लगेंगे। इसके
सेवन से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है। जब आप एमएसजी मिले पदार्थो का सेवन करते है, तो रक्त में ग्लूटामेट का स्तर बढ़ जाता है. जिसकी वजह से इसका शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. एमएसजी को एक धीमा हत्यारा भी कहा जा सकता है !!

यह आँखों की रेटिना को नुकसान पहुंचाता है साथ ही यह थायराईड और कैंसर जैसे रोगों के लक्षण पैदा कर सकता है. अजीनोमोटो से युक्त खाद्य पदार्थो का अगर नियमित सेवन किया जाये तो यह माइग्रेन पैदा कर सकता है जिसको हम अधकपाली भी कहते हैं। इस बीमारी में आधे सिर में हल्का हल्का दर्द होते रहता है। एमएसजी के अधिक सेवन से मोटापे के बढ़ने का खतरा हमेशा बना रहता है हमारे शरीर में मौजूद लेप्टिन हॉर्मोन, हमे भोजन के अधिक सेवन को रोकने के लिए हमारे मस्तिष्क को संकेत देते हैं.
अजीनोमोटो के सेवन से ये प्रभावित हो सकता है जिस वजह से हम ज्यादा भोजन कर जल्द ही मोटापे से ग्रस्त हो सकते हैं खैर, फास्ट फूड के तो सभी दीवाने हैं ही ,परंतु सोच समझकर हमे सेवन करना चाहिए,ताकि हमारे शरीर में कोई विकार उत्पन्न न हो।।

साभार- https://www.facebook.com/rakeshkumar.saini.7792 से
#शरीर #लाभ #खुशी #जीवन #समय #अनुभव #प्रयास #सोच

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार