भारत में 3000 से अधिक जंगली बाघ हैं जो अक्सर दूरदराज के इलाकों में स्थित गांवों के करीब रहते हैं। इन इलाकों में घरों को गर्म रखने, भोजन पकाने और पानी गर्म करने के लिए जलाऊ लकड़ी की बहुत जरूरत पड़ती है, इसीलिए यहां रहने वाली महिलाएं लकड़ी एकत्र करने के लिए आसपास के जंगलों में जाती हैं। इस जरूरत के कारण यहां की महिलाओं के जीवन पर इन मांसाहारी जानवरों से खतरा होने के अलावा, जंगलों को नुकसान होता है और महिलाओं के सांस की बीमारियों के चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है।
भारत के बाघ अभयारण्यों और आसपास रहने वाले समुदायों की अलग-अलग जरूरतों में तालमेल बैठाने के मिशन के साथ मुंबई स्थित वाइल्ड लाइफ कंजरवेशन ट्रस्ट (डब्लूसीटी) सक्रिय है। यह एक गैरलाभकारी थिंक टैंक है जिसका मकसद समग्र एवं सदाजीवी तरीके से पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा है। डब्लूसीटी ने 160 संरक्षित क्षेत्रों में काम किया है जिसमें भारत के 82 प्रतिशत बाघ अभयारण्य और 24 फीसदी राष्ट्रीय उद्यान और दूसरे अभयारण्य शामिल हैं। ट्रस्ट का जोर वनों और वन्यजीवों के साथ-साथ सामुदायिक विकास पर भी रहता है।
इस लिहाज से जलाऊ लकड़ी की जरूरत को कम करने का एक आंशिक समाधान हीटर ऑफ होप के रूप में सामने रखा गया है- यह एक कुशल वॉटर हीटर है जो टहनियों, फसल के अवशेषों, घास और गाय के गोबर से जलाया जा सकता है। इस हीटर के निर्माण की प्रेरक शक्ति डब्लूसीटी के हेड कंजरवेशन बिहेवियर अनिकेत भातखंडे हैं जो एक अर्थशास्त्री, वकील और समाजिक वैज्ञानिक होने के साथ अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल अभिनव परियोजनाओं में करते हैं।
भातखंडे के नेतृत्व कौशल को पहचान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख पेशेवर एक्सचेंज प्रोग्राम इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम (आईवीएलपी) में उसकी सहभागिता से मिली। 1940 में अपनी शुरुआत के बाद से आईवीएलपी दुनिया भर से मौजूदा और उभरते नेतृत्वकर्ताओं को अमेरिका लाकर उनके पेशेवर समकक्षों से मिलाने के अलावा उनकी दिलचस्पी के विषय क्षेत्रों से संबंधित सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संगठनों की यात्रा का अवसर भी उपलब्ध कराता है। भातखंडे ने 2023 में एक्सचेंज प्रोग्राम में हिस्सा लिया जो हिंद-प्रशांत और मध्य एशिया के क्षेत्र में पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्रित था।
स्वास्थ्य और सदाजीविता
भातखंडे के अनुसार, ‘‘हीटर ऑफ होप ने एक लाख टन से अधिक कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन को कम करते हुए 50,000 से अधिक लोगों को उचित और सुरक्षित ऊर्जा ट्रांजिशन सुगमता से हासिल कराई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिन समुदायों के साथ हम काम करते हैं, उन्होंने पिछले तीन वर्षों में जंगली जानवरों के हमले के कारण 100 से अधिक इंसानी मौतें देखी हैं। यह बायोमास ईंधन वाला वॉटर हीटर उन्हें जंगल में जाने से बचाने में मदद करता है जहां बाघों और तेंदुओं की तादाद ज्यादा होती है। इसके अलावा इससे धुएं के संपर्क में आना भी कम हो जाता है जिससे सांस संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके कारण पानी को गर्म करने जैसी घरेलू जरूरतों को राज्य की उन नीतियों में शामिल करवा दिया गया है जो वन निवासी समुदायों के घरों में एनर्जी ट्रांजिशन में मदद करने के उद्देश्य से बनी हैं।’’
आईवीएलपी के अनुभव
आईवीएलपी के तहत भातखंडे की मेजबानी मिसीसिपी कंसर्शियम फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट के वॉशिंगटन, डी.सी कार्यालय द्वारा की गई थी। समूह ने इस दौरान, जलवायु पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन के री के कार्यालय से लेकर तूफान कैटरिना के पीडि़तों तक विभिन्न पक्षधरों से मुलाकात की। समूह ने यह जानने की कोशिश की कि पर्यावरण की रक्षा के साथ किस तरह से आर्थिक विकास के लिए सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र अपना योगदान दे सकते हैं। समूह ने यू.एस. नेशनल पार्क सर्विस, यू.एस. फिश एंड वाइल्ड लाइफ सर्विस और ब्यूरो ऑफ लैंड मैंनेजमेंट के प्रतिनिधियों के साथ अपने देश की बेहतरीन तौरतरीकों को भी साझा किया।
वह बताते हैं, ‘‘आईवीएलपी ने मेरे लिए नीति, बहुलता और दृढ़ता के महत्व पर प्रकाश डाला। मुझे लगता है कि बड़े संघीय लोकतंत्रों में यह सबक सबसे महत्वपूर्ण हैं। यह अनुभव मुझे इन सीखों को अपने देश में लागू करने में मदद करेगा।’’
भातखंडे के लिए सबसे उपयोगी पहलू एक विविधताओं से भरे जीवंत लोकतंत्र में विभिन्न पक्षधरों से उनकी राय की विस्तृत तस्वीर प्राप्त करना था। वह कहते हैं, ‘‘इसने मुझे धैर्य रखना सिखाया और यह बताया कि अगर हम अपनी आजादी और लोकतंत्र को महत्व देते हैं तो परिवर्तन अक्सर धीमा होता है। कभी-कभी तो अपने स्वयं के सिस्टम के बारे में तारीफ करना मुश्किल हो जाता है लेकिन जब हम दूसरी व्यवस्थाओं की तरफ देखते हैं तो वही गेमचेंजर नजर आता है। समूह के भीतर विविधता ने अनुभव को और बढ़ा दिया। यह अद्भुत था कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने संघवाद, विविधता और नीति निर्माण के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया।’’
फॉरेस्ट गार्डों के लिए पहल
भातखंडे ने भारत में फॉरेस्ट गार्डों पर एक विशेष अध्ययन को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिनका अकेला और कठिन काम काफी खतरों से भरा होता है। वह बताते हैं, ‘‘इंटरनेशनल रेंजर्स फाउंडेशन के अनुसार भारत वन रेंजरों के लिहाज से सबसे जोखिम भरा देश है जहां ड्यूटी के दौरान मारे जाने वाले रेंजरों की संख्या सबसे ज्यादा है।’’
भातखंडे के अनुसार, ‘‘वन रक्षकों के मनोवैज्ञानिक कल्याण पर मेरे काम से नीतिगत बदलाव हुए हैं जिसके कारण वन कर्मचारियों के हित में फैसले लेने में बढ़ोतरी हुई है।’’ भातखंडे ने 11 राष्ट्रीय उद्यानों को कवर करते हुए वन कर्मचारियों के मनोवैज्ञानिक कल्याण को प्रभावित करने वाले कारकों को मापने के लिए अब तक की सबसे बड़ी पहल की अगुवाई की। इस पहल के निष्कर्षों को मध्य प्रदेश के मुख्य वन्य जीव वार्डेन द्वारा पार्क प्रबंधकों को सिफारिशों के रूप में अधिसूचित किया गया और 10 वर्षीय बजट योजना को तैयार करने में इसका उपयोग किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘जमीनी स्तर पर बदलावों में मानव संसाधन प्रशिक्षण, बेहतर सुविधाओं के साथ-साथ अग्रिम पंक्ति के वन कर्मचारियों के लिए पुरस्कारों को शुरू करना भी शामिल है।’’ भातखंडे और डब्लूसीटी जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
वह बताते हैं, ‘‘हमने वन रक्षकों से लेकर नीति निर्धारकों और स्थानीय समुदायों तक सभी के साथ जैव विविधता के संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सभी पक्षधरों के साथ काम किया है। मौजूदा समय में हम जलवायु परिवर्तन के कारण वन निवासी जो खामियाजा भुगतते हैं, उसके आकलन पर काम करने के अलावा एक न्यायपूर्ण समाधान तैयार करने के साधनों को विकसित करने के महत्वपूर्ण प्रयास पर काम कर रहे हैं।’’
“हीटर ऑफ़ होप” के कई लाभ हैं, जिनमें वनों को नुकसान से बचाने के अलावा वनों पर आश्रित लोगों के स्वास्थ्य की बेहतरी भी शामिल है। (फोटोग्राफः साभार अनिकेत भातकांडे)
(स्टीव फ़ॉक्स स्वतंत्र लेखक, पूर्व समाचारपत्र प्रकाशक एवं संवाददाता हैं। वह वेंचुरा, कैलिफ़ोर्निया में रहते हैं।)
साभार- https://spanmag.com/hi से