‘कृपाशंकर चौबे एक शिनाख्त’ पुस्तक के लोकार्पण समारोह में बोले आईआईएमसी के महानिदेशक
कोलकाता। देश के वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया प्राध्यापक प्रो. कृपाशंकर चौबे पर केंद्रित पुस्तक ‘कृपाशंकर चौबे एक शिनाख्त’ पुस्तक का लोकार्पण करते हुए भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि कृपाशंकर चौबे की पत्रकारिता अपने समय के सवालों पर सार्थक हस्तक्षेप करती है, चिंतन के नए द्वार खोलती है और समझ का विकास करती है। बंगीय हिंदी परिषद, कोलकाता द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रो. अमरनाथ, प्रो. अरुण होता, डॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क, प्रसिद्ध समीक्षक मृत्युंजय, बांग्ला लेखिका शर्मिष्ठा बाग और ‘लहक’ के संपादक निर्भय देवयांश भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. द्विवेदी ने कहा कि कृपाशंकर चौबे को पत्रकारिता और साहित्य में राष्ट्रीय पहचान कोलकाता ने दी। उनका अधिकतर लेखन बांग्ला साहित्य, कला और संस्कृति पर केंद्रित है। इसीलिए बांग्ला और कोलकाता की चौबे जी की निर्मिति में बड़ी भूमिका है।
आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार कृपाशंकर जी की समूची पत्रकारिता न्यायपूर्ण लोकतांत्रिक चेतना संपन्न समाज बनाने की भावना से भरी हुई है। उनकी पत्रकारिता में तथ्य, तर्क, विश्लेषण और संवेदना है, जिससे उपजे उनके शब्द गरिमा पाते हैं। वे किसी दल के विचारों के बंधक नहीं हैं। मुक्त हैं, स्वतंत्र चेता हैं और सत्यान्वेषण के लिए काम करते हैं। समाजवादी विचारधारा ने उनकी सोच और विचार यात्रा को धारदार और दृष्टि संपन्न बनाया है। इसलिए वे उन पत्रकारों और टिप्पणीकारों से अलग हैं, जो नरेटिव बनाने या एजेंडा सेंटिंग के लिए काम करते हैं।
प्रो. द्विवेदी ने कहा कि जिस समय में पत्रकारिता की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता पर गहरे प्रश्न हैं, ऐसे कठिन समय में कृपा जी जैसे लोग उम्मीदें बंधाते हैं। प्रेरणा देते हैं। भरोसा देते हैं। कृपा जी जैसे शब्द साधकों की मौजूदगी यह बताती है कि हमारी भाषा ने अपने नायकों को अभी खोया नहीं है। ऐसे साधक ही हमारी भाषा को नई शक्ति, नई संचेतना और नई पदावली दे रहे हैं।
प्रलेक प्रकाशन, मुबंई द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का संपादन सोनम तोमर ने किया है। पुस्तक में साहित्य और पत्रकारिता में कृपाशंकर चौबे के योगदान का आकलन महाश्वेता देवी, सुनील गंगोपाध्याय, नामवर सिंह, केदारनाथ सिंह, राम बहादुर राय, अमरनाथ, एस. आनंद, सेराज खान बातिश, मृत्युंजय एवं हरिवंश सहित पचास से अधिक लेखकों ने किया है।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण बंगीय हिंदी परिषद के संयुक्त सचिव डॉ. रंजीत कुमार ने दिया। संचालन डॉ. सुनील कुमार सुमन ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन बंगीय हिंदी परिषद के मंत्री डॉ. राजेंद्रनाथ त्रिपाठी ने दिया।
Thanks & Regards
Ankur Vijaivargiya
Associate – Public Relations
Indian Institute of Mass Communication
JNU New Campus, Aruna Asaf Ali Marg
New Delhi – 110067
(M) +91 8826399822
(F) facebook.com/ankur.vijaivargiya
(T) https://twitter.com/AVijaivargiya
(L) linkedin.com/in/ankurvijaivargiya