उज्जैन। प्रतिदिन पांच वक्त की नमाज पढ़ने वाले पं. फारूख रामायणी संगीतमय राम कथा करते हैं। वे अब तक देश के विभिन्न भागों में 5 हजार से अधिक रामकथा कर चुके हैं। सिंहस्थ में उनकी कथा आकर्षण का केंद्र रहेगी।
मप्र के राजगढ़ जिले की नरसिंहगढ़ तहसील के ग्राम गनियारी निवासी फारुख पिछले 30 वर्ष से संगीतमय रामकथा कर हैं। 53 वर्षीय पं.फारुख ने बताया कि गांव में दो मुस्लिम परिवार हैं।
इसके चलते वे सुंदरकांड, रामलीला के आयोजनों में भाग लेते रहे हैं। उनके मन में कौमी एकता और सर्वधर्म भाव जाग्रत हुआ और उन्होंने 1984 से राम कथा प्रारंभ की। कथा को संगीतमय स्वरूप देने में साध्वी अनिता दीदी का विशेष योगदान रहा। शुरुआत में उन्हें 100 रुपए भेंट स्वरूप मिले।
इसके बाद वे पं. फारुख रामायणी के नाम से पहचाने जाने लगे। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उड़ीसा, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, मप्र आदि स्थानों पर कथाएं कर चुके हैं। उनकी रामकथा अभा सेन भक्तिपीठ, संत सेवा शिविर सेनाचार्य आश्रम उजड़खेड़ा में सायं 3 से 6 बजे तक चल रही है।
एक चौपाई पर ही 3 घंटे तक राम कथा
पं. फारुख के अनुसार लोगों की मांग के अनुसार कथा करते हैं। यदि कोई एक दिन कराना चाहता है तो राम के चरित्र पर सविस्तार वर्णन करते हैं। एक दिन की कथा में वे रामचरित मानस की एक चौपाई पर ही 3 घंटे तक राम कथा कर सकते हैं।
पांच वक्त की पढ़ते हैं नमाज
पं. फारुख का उद्देश्य सर्वधर्म-समभाव और कौमी एकता लाना है। वे पांच वक्त के नमाजी हैं। जबलपुर की आध्यात्म पुनरुत्थान मंडल द्वारा मानस हंस की उपाधि से विभूषित किया गया।
साभार- http://naidunia.jagran.com/