नई दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में बीते बुधवार (20 दिसंबर) की शाम कुशोक बकुला रिम्पोचे के जीवन पर आधारित सचित्र प्रदर्शनी ‘लामा से स्टेट्समैन’ का शुभारंभ हुआ। इस समारोह का केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने उद्घाटन किया। बता दें कि यह प्रदर्शनी 31 दिसंबर तक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक चलेगी।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र हाल संख्या 5 में लगी इस प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में अरुण कुमार, लामा लोबज़ंग, गीशा दोरजी दाम्दुल, टेंपा सेरिंग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और पूर्वी-एशिया विभागाध्यक्ष डॉ. राधा बनर्जी और भारी संख्या में दर्शक और श्रोता मौजूद थे। लद्दाख में जन्में बकुला रिम्पोचे को सुनने आये लोगों का एक बड़ा वर्ग तिब्बत और लद्दाख के लोगों का था।
इस मौके पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, ‘इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र लगातार जिस तरह खूबसूरती से कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, उन्हें हर बार यहां आने पर खुशी होती है।’ संसद के शीतकालीन सत्र के चलते हुए वह वेनेरेबल कुशोक बकुला रिम्पोचे के लिए कार्यक्रम में आये। उन्होंने सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और उनकी टीम को बधाई देते हुए संस्थान की प्रगति पर खुशी जाहिर की। वहीं डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने कहा, ‘यह प्रदर्शनी वेनेरेबल कुशोक बकुला रिम्पोचे के जीवन और उनके द्वारा किये गए कार्यों के विषय में लोगों को अवगत कराने में काफी हद तक सहायता करेगी।
सोनम वांगचुक, जो 25 वर्षों तक बकुला के साथ रहे हैं, उन्होंने उनके 50 साल लम्बे राजनीतिक सफर पर प्रकाश डालते हुए बताया, ‘बकुला राजनीति से ऊपर उठे व्यक्ति थे और वह हर विचारधारा के लोगों के साथ सामान व्यवहार रखते थे।’ वांगचुक ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बकुला को ‘आधुनिक लद्दाख का आर्किटेक्ट’ कहा है। वह बकुला ही थे जिनके मंगोलिया में भारत के राजदूत बन कर जाने पर, 70 साल के कम्युनिस्ट शासन के बाद, वहां बौद्ध धर्म को नया जीवन मिला।
जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के श्री अरुण कुमार ने मात्र 20 दिनों की तैयारी से प्रदर्शनी के बेहतरीन आयोजन पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘हमें बकुला के जीवन की महत्ता को देखने के साथ-साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जिस समयकाल में वह जिन स्थानों पर कार्यरत थे, वहां पहुंचना अत्यंत कठिन था।’
विशिष्ट अथिति मंगोलिया के राजदूत गोंचिग गम्बोल्ड ने बकुला के व्यवहार की सरहना करते हुए कहा, ‘वह एक संवेदनशील इंसान थे और सभी मिलने आने वालों के लिए वक्त निकालते और उनसे मिलते थे। मंगोलिया में बौद्ध धर्म के लिए उनके द्वारा शुरू किये गए सभी कार्य आज भी सुचारू रूप से चल रहे हैं।’
इस अवसर पर किरण रिजिजू ने हार्दिक प्रसन्नता को ज़ाहिर करते हुए कहा कि आई.जी.एन.सी.ए. लगातार जिस तरह खूबसूरती से कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, उन्हें हर बार यहाँ आने पर ख़ुशी होती है।संसद के शीतकालीन सत्र के चलते हुए भी वह वेनेरेबल कुशोक बकुला रिम्पोचे के लिए कार्यक्रम में आये। उन्होंने सदस्य सचिव ड़ॉ. सच्चिदानंद जोशी और उनकी टीम को बधाई देते हुए संस्थान की प्रगति पर ख़ुशी ज़ाहिर की।
धन्यवाद ज्ञापन पूर्वी-एशिया विभागाध्यक्ष डॉ. राधा बनर्जी ने दिया। उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी 31 दिसम्बर तक हॉल संख्या 5 में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक चलेगी।