उस किसान को
जिसने अपने श्रमसीकरों से सींची फसलों को
हवा के साथ अठखेलियां करना सिखाया
उस मजदूर को
जिसने अपना घर ना होते हुए भी लाखो लोगो के लिए घर बनाया
उन सब कर्मवीरों के भगीरथ प्रयासों को
जिन्होंने अंतरिक्ष से सागर की गहराइयों तक..
हर दुर्गम को सुगम बनाया..
हर उस इंसान को
जिसने अपने परिवार और समाज के लिए
अपने जीवन को आहुति बनाया
उन सफाई कर्मियों को
जिन्होंने इस धरती का सारा कचरा हटाकर
इसे रहने योग्य बनाया
हर घर और ऑफिस में काम करते
सभी सहायकों को
जो हर आवाज पर दौड़ते है
बिना थके
सृष्टि की रचना भले ही ईश्वर ने की
लेकिन धन्यवाद दुनिया के हर कर्मशील को
ईश्वर की इस सृष्टि में सुन्दर रंग भरने के लिए
http://hindimedia.in/में आप कृत रचना पढ़ी। रचना मे ” > हर घर और ऑफिस में काम करते
> सभी सहायकों को जो हर आवाज पर दौड़ते है
>
> बिना थके” पंक्ति लगा मेरे लिए लिखी गई है ………..!