यह फैसला आज राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। मंत्रिपरिषद में एजुकेशन लोन को लेकर यह निर्णय हुआ कि स्टूडेंट की मौत या स्थायी अपंगता की स्थिति में बचे हुए लोन की राशि में से पचास फीसदी राज्य सरकार देगी और शेष राशि बैंक माफ करेगी।
बैठक में बताया गया कि इसको लेकर बैंकों से बातचीत भी हो चुकी है। कैबिनेट ने ठेकेदारों के पंजीयन को लेकर भी एक फैसला किया है जिसमें उनके लिए चरित्र प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। उन्हें अनुभव के आधार पर ए, बी और सी जैसी श्रेणी के ठेकेदारी की पात्रता दी जाएगी।