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मराठी उपन्यास “विश्वस्त” के हिंदी रूपांतर का लोकार्पण संपन्न 

भोपाल। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के हाथों उपन्यास “विश्वस्त” का लोकार्पण सम्पन्न। 

मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति एवम् मध्यप्रदेश मराठी साहित्य संघ के द्वारा आयोजित वसंत वसंत लिमये के मराठी उपन्यास “विश्वस्त” के हिंदी रूपांतर का लोकार्पण, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे जी द्वारा संपन्न हुआ। 

कार्यक्रम हिंदी भवन के सभागार में संपन्न हुआ। जिसमे, मंच पर दादा कैलाश चंद्र पंत, मनोज श्रीवास्तव, अभिलाष खांडेकर , सुखदेव प्रसाद दुबे, सुरेद्र बिहारी गोस्वामी, रघुनंदन शर्मा, श्रीमती परांजपे एवम् चिन्मय पंडित उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. मैथिली साठे ने किया। 

मुख्य अतिथि सुमित्रा ताई ने लेखक के व्यक्तिगत जीवन का जिक्र करते हुए बताया की लिमये को अनेक प्रकार के रोचक शौक हैं जो उन्हें अलग बनाते हैं। उपन्यास की कल्पना का जिक्र करते हुए चाणक्य और चंद्रगुप्त के लोककल्याण की कल्पना एवम् भाषा की सराहना की। उपन्यास में नारद जी एवम् श्रीकृष्ण के उत्तराधिकारी वाली कहानी को भी खूब सराहना की। अध्यक्षता कर रहे सहस्रबुद्धे जी ने कहा की किसी रूपांतरित पुस्तक के लोकार्पण में पहली बार इतनी उपस्थिति देख रहा हूं। उन्होंने कहा कि ऐसी महत्वपूर्ण कृति के लेखक और अनुवादक को धन्यवाद करना चाहिए और ऐसे ही भाषाओं के बीच अनुवाद अत्यंत आवश्यक है। 

विश्वस्त के लेखक श्री वसंत वसंत लिमये जी ने पुस्तक के हिंदी रूपांतर की खूबियों को बताते हुए कहते हैं कि इसकी अनुवादिका ने हिंदी के अप्रतिम शब्दो का प्रयोग कर इसे और भी अलंकृत कर दिया है। साथ ही हिंदी भवन न्यास के कार्यकारी मंत्री संचालक सुरेंद्र बिहारी गोस्वामी ने कार्यक्रम की रूपरेखा तथा जानकारी साझा की।