Saturday, November 23, 2024
spot_img
Homeखबरेंकैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू, लॉटरी से निकलेंगे भाग्यशाली यात्री

कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू, लॉटरी से निकलेंगे भाग्यशाली यात्री

कैलाश मानसरोवर यात्रा-2018 के लिए पंजीकरण मंगलवार से शुरू हो गया। विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 23 मार्च तक इच्छुक यात्री अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इस बार कैलाश मानसरोवर यात्रा पारंपरिक उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के साथ-साथ सिक्किम के नाथुला दर्रे से भी हो सकेगी। बता दें कि पिछले साल डोकाला विवाद के चलते चीन ने इस मार्ग से यात्रा की इजाजत वापस ले ली थी।

सरकार ने अपने डिजिटल अभियान के अनुरूप इस बार आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है। श्रद्धालु वेबसाइट https://kmy.gov.in पर जाकर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। यात्रियों को आवेदन के साथ अपने पासपोर्ट के पहले पन्ने जिसमें तस्वीर और व्यक्तिगत जानकारी है और आखिरी पन्ने जिसमें पता हैं की स्कैन प्रति अपलोड करनी होगी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि आवेदकों में से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को चुनने के लिए पूरी तरह से पारदर्शी कंप्यूटर आधारित लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। कंप्यूटर ही आवेदनों में से सौभाग्यशाली यात्री को चुनकर स्वत: इसकी जानकारी ईमेल व एसएमएस से देगा।

इस साल लिपुलेख के रास्ते से यात्रा करने पर 1.6 लाख रुपये प्रति यात्री खर्च आने का अनुमान है। जबकि नाथुला दर्रे के रास्ते यात्रा पर दो लाख रुपये का खर्च आएगा। बता दें कि लिपुलेख दर्रे के रास्ते में श्रद्धालुओं को पैदल चलना पड़ता है। जबकि नाथुला मार्ग पर वाहन से जाया जा सकता है। नाथुला रास्ते से 21 दिन में यात्रा पूरी होगी, इसमें यात्रा तैयारियों के लिए दिल्ली में तीन दिन का ठहराव शामिल है।

आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल होनी चाहिए वहीं अधिकतम 1 जनवरी 2018 को 70 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही वह हृदय रोग व स्वास रोग किसी गंभीर से पीड़ित नहीं होना चाहिए। पहले की तरह पहली बार यात्रा करने वालों, डॉक्टरों और विवाहित जोड़ों को प्राथमिकता दी जाएगी।

इस बार 60 यात्रियों के 18 जत्थे उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना किए जाएंगे। वहीं, नाथुला दर्रे से 50 लोगों के 10 जत्थे रवाना करने की योजना है। यात्रा 8 जून से शुरू होगी।

पिछले साल 16 जून को कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू हुई थी। लेकिन डोकलाम में चीन और भारत के बीच शुरू हुए गतिरोध के बाद नाथुला के रास्ते यात्रा को बीच में ही स्थगित करना पड़ा था।

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार