कल नेशनल ज्योग्राफिक पर कार्यक्रम “लिविंग डेंजरसली” देख रहा था देखकर चौंक गया अमेरिका में पैसे के दम पर किस तरह से कोई भी फैसला बदला जा सकता है और जो अमेरिकी कानून में लीगल भी है अमेरिका में लॉबिस्ट लीगल है यानी कि कोई भी कंपनी किसी को पैसे देकर के भले वह सांसद हो या कोई एक्टिविस्ट हो या किसी शहर का मेयर हो या सामाजिक कार्यकर्ता हो उसे पैसे देकर वह भी चेक से अपने फेवर में कोई भी माहौल बनवा सकती है और कंपनियां बकायदा अपने बैलेंस शीट पर उसे उस रकम को दिखाती भी है।
अमेरिका में फॉसिल फ्यूल लॉबी बहुत तगड़ी है और अमेरिका पूरे विश्व में सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जित करता है पूरे विश्व में प्रदूषण का सबसे बड़ा जिम्मेदार अमेरिका है क्योंकि अमेरिका को सबसे ज्यादा ऊर्जा चाहिए अमेरिका में सबसे ज्यादा गाड़ियां हैं वहां की बड़ी बड़ी कंपनियां जैसे एक्ससा मोबिल शैल, कैलटैक्स शेवरॉन आदि कंपनियों ने अमेरिका की सोलर पॉलिसी तक को बदलवा दिया वह भी सांसदों को पैसे देकर और मजे की बात यह सभी पैसे चेक से दिए गए और इन कंपनियों ने अपने बैलेंस शीट पर बकायदा इसका उल्लेख भी किया।
अमेरिका का एक राज्य नवादा ने अपनी एक सोलर पॉलिसी बनाई जिसके अनुसार नेवादा के हर घर हर ऑफिस सभी बिल्डिंगों पर सोलर रूफटॉप लगने थे और उनसे जितनी भी बिजली बनेगी वह बिजली उस घर के मालिक के अकाउंट में क्रेडिट होती जाएगी यह पॉलिसी बहुत लोकप्रिय हुई और पूरे अमेरिका में इस तरह की पॉलिसी बनने वाली थी अब अगर अमेरिका में सोलर ऊर्जा से बिजली ज्यादा बनती तो कोयले और तेल का खपत कम होता जिससे कोयला सप्लाई करने वाली कंपनियां और क्रूड का बिजनेस करने वाली कंपनियों को बहुत घाटा होता है तो इन तेल कंपनियों ने पैसों के दम पर अपने पक्ष में एक पूरी लॉबी खड़ी की और उस लॉबी ने नेवादा की सरकार गिरा दी और नेवादा की पूरी सोलर पॉलिसी को बदल दिया जिसका नतीजा हुआ अमेरिका में भयानक सोलर क्रैकडाउन हुआ और तमाम सोलर कंपनियां दिवालिया हो गई क्योंकि इन सोलर कंपनियों को राज्य नवादा की राज्य सरकार सब्सिडी देने वाली थी और साथ ही उन लोगों को भी सब्सिडी मिलने वाली थी जो लोग अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगवा रहे थे।
इतना ही नहीं पूरे विश्व में सिगरेट की सबसे ज्यादा खपत इंडोनेशिया में होती है और वहां अमेरिका की कई टोबैको कंपनियां जैसे मालब्रोरो गॉडफ्रे फिलिप्स आदि अपना सेल बढ़ाने के लिए नीचता की हद तक उतर जाती है जो इन कंपनियों के बैलेंस शीट में बकायदा दर्ज है यह कंपनियां बकायदा पैसे देकर स्कूलों के सामने मुफ्त में सिगरेट बांटती हैं ताकि बच्चों को सिगरेट की लत लग जाए इतना ही नहीं जब इंडोनेशिया ने भारत सरकार भारत सरकार द्वारा बनाया गया धूम्रपान निवारण बिल जिसके तहत अब TV अखबार या कहीं भी सिगरेट का ऐड नहीं हो सकता और सिगरेट के ऊपर बड़ी-बड़ी चेतावनी और कैंसर से ग्रस्त रोगी का फोटो छापना अनिवार्य कर दिया तो इंडोनेशिया ने यही कानून अपने यहां लागू करना चाहा तो तो मालब्रोरो और गॉडफ्रे फिलिप्स ने इंडोनेशिया के 40 सांसदों को खरीद लिया और वहां वह एक्ट लागू नहीं होने दिया।
इतना ही नहीं क्योंकि भारत क्रूड और कोल का बहुत बड़ा इंपोर्टर है इसलिए भारत के कोडेकुलम परमाणु प्रोजेक्ट को रोकने के लिए अमेरिकी कंपनियों ने बकायदा पैसे देकर एक्टिविस्ट बनाएं और एक्टिविस्ट को बकायदा चेक से भुगतान किया गया जो उनकी कंपनियों के बैलेंस शीट में दर्ज है कुडनकुलम का सबसे बड़ा एक्टिविस्ट को करीब $4000000 दिए गए।
जे पी सिंह की एफ बी वॉल से
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