भोपाल। सत्रारम्भ कार्यक्रम से विद्यार्थियों के जीवन का नया अध्याय प्रारम्भ होगा। नवागत विद्यार्थियों के प्रबोधन के लिए प्रारम्भ हुआ सत्रारम्भ कार्यक्रम गुरुकुल परम्परा की तरह है। जिसमें विद्यार्थी को शिक्षा के साथ-साथ भविष्य में किये जाने वाले कार्य की नवीन विधाओं एवं चुनौतियों से परिचित कराया जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी पत्रकारिता, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिग्गज हस्तियों से संवाद करते हैं और उनके जीवन के अनुभव से सीखने का प्रयास करते हैं। यह विचार आज मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सत्रारम्भ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कहे। कार्यक्रम का उद्घाटन टी.टी. नगर स्थित समन्वय भवन में हुआ। इस अवसर पर प्रख्यात टीवी पत्रकार श्री विनोद कापड़ी एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला उपस्थित थे।
अपने उद्बोधन में श्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि आज समाज में अनेक क्षेत्रों में गिरावट देखने को मिल रही है और पत्रकारिता का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम इस गिरावट को महसूस करें और रोकने का प्रयास करें। खबरों की जल्दबाजी ने मीडिया की विश्वसनीयता को कम किया है। अच्छे पत्रकार किसी भी संस्था में हों, उनका सम्मान होता है और लोग उनके साथ होते हैं। सत्रारम्भ कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार एवं फिल्म निर्देशक श्री विनोद कापड़ी ने कहा कि आज पत्रकारिता का दौर मुश्किल एवं चुनौतियों से भरा है। मीडिया की विश्वसनीयता खतरे में है, लोग समाचारपत्र, टेलीविजन आदि के समाचारों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। राजनेताओं, फिल्म हस्तियों को मीडिया की आवश्यकता नहीं है। मीडिया पर हमले हो रहे हैं। सोशल मीडिया एक बड़े संकट के रूप में हमारे सामने है। ऐसे दौर में मीडिया को अपना प्रोफेशन बनाने वाले विद्यार्थियों को पूरी तैयारी के साथ इस क्षेत्र में आना होगा। इसके लिए जरूरी है कि वे अधिक से अधिक पढ़ें, अपना सामान्य ज्ञान अच्छा रखें एवं तकनीकी कौशल हासिल करें। ग्लैमर के लिए टेलीविजन और पत्रकारिता में आना सबसे बड़ी भूल है। अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला कहा कि आज के कम्युनिकेशन के विद्यार्थी कल के कम्युनिकेशन प्रोफेशनल होंगे। टेक्नालाजी ने हमें एक ऐसी व्यवस्था दी है जिससे सारी दुनिया आपस में जु़ड़ गई है। ऐसे में आज के युवा ही कल के राष्ट्र निर्माता होंगे। आप जीवन की कल्पना करके जीवन की योजना बनाइए और उसके लिए किन साधनों के उपयोग की आवश्यकता है, उस पर विचार कीजिए। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के लिए माखनलाल चतुर्वेदी से अच्छा कोई और रोल माडल नहीं हो सकता है।
'टेलीविजन न्यूज का भविष्य' विषय पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं राज्यसभा टीवी की एंकर सुश्री राखी बक्शी ने कहा कि लोग टीवी में कम समय में स्टार बनकर छाना चाहते हैं, जबकि सही रास्ता मेहनत से आगे बढ़ने का है। ड्राइंग रूम जर्नलिज्म, फास्ट फूड जर्नलिज्म और गूगलाईजेशन से बचते हुए खबरों को खोजने की और उनकी गहराई तक जाने की आवश्यकता आज टेलीविजन पत्रकारिता के क्षेत्र में है। खबर को जाँच-परखकर दिखाएँ और टीवी में जो कहें दिल से कहें। आज मीडिया में युवाओं के लिए बहुत अवसर है, विशेषकर लड़कियों को लिए अब हर क्षेत्र में अवसर उपलब्ध हैं। 'टेलीविजन में सोशल मीडिया' विषय पर वरिष्ठ पत्रकार श्री रवि मित्तल ने कहा कि आज स्मार्ट फोन ने प्रत्येक व्यक्ति को पत्रकार बना दिया है। परम्परागत मीडिया अपनी बातों को थोपता था, परन्तु आज सोशल मीडिया में आप जो चाहें वह कह सकते हैं। ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम इसके उदाहरण हैं। सोशल मीडिया टूल्स को सभी माध्यमों की रिपोर्टिंग के लिए एक प्रमुख टूल बनाया जा सकता है।
'जनसंपर्क की नई दिशाएँ' विषयक सत्र में बोलते हुए पी.आर. एण्ड सोल्युशंस कंपनी के सी.ई.ओ. श्री प्रणव पवार ने कहा कि जनसंपर्क में कम्युनिकेशन के सभी तत्वों का समुचित संतुलन होना चाहिए। जनसंपर्क में फीडबेक एवं प्रभाव का अध्ययन करना बहुत जरूरी है। फीडबेक से ही हम सीखते हैं और अपनी आगामी योजनाओं में बदलाव करते हैं। जनसंपर्क में डिजिटल मीडिया का उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिससे डिजिटल पी.आर. जैसे एक नया प्रोफेशन का उदय हुआ है। 'सूचना प्रौद्योगिकी' विषय सत्र में प्रो. सी.के.राजू ने कहा कि ज्ञान के अभाव में सही और गलत का भेद करना संभव नहीं है। आज हम इंटरनेट के द्वितीयक एवं तृतीयक स्रोतों पर भरोसा कर लेते हैं। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि हमें सही जानकारी नहीं मिल पाती और हम मूल स्रोत तक नहीं पहुँच पाते। यह धारणा गलत है कि साइंस एवं टेक्नालाजी का ज्ञान पश्चिमी शिक्षा के माध्यम से ही मिल सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी वैज्ञानिक सिद्धान्तों को आज पुनः परखने की आवश्यकता है।
'भविष्य के समाचारपत्र' विषय सत्र में बोलते हुए पंजाब केसरी समूह के कार्यकारी सम्पादक श्री अकु श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में अखबारों को टेकनालाजी के हिसाब से बदलना होगा। जरूरत के हिसाब से लोग समाचारपत्र का उपयोग करेंगे। यदि अखबारों में बना रहना है तो रोज कुछ नया करना होगा। इसके लिए जरूरी है कि पत्रकारिता में आने वाला युवा अपना एक 'एरिया आफ इस्पेशलाईजेशन' विकसित करे और इस पर प्रतिदिन काम करे। कल सत्रारम्भ कार्यक्रम के दूसरे दिन 'भारत का आर्थिक परिदृश्य' विषय पर प्रख्यात अर्थशास्त्री प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा का व्याख्यान होगा। 'विज्ञापन एवं ब्राण्डिंग की दुनिया में भविष्य' विषय पर रौनक एडवरटाईजिंग के एम.डी. श्री अमरदीप सिंह विग तथा 'डिजिटल दुनिया का बदलता परिदृश्य' विषय पर श्री प्रशांत पोल एवं 'संचार के प्रभावी सूत्र' विषय पर डॉ. प्रियंका जैन का व्याख्यान होगा साथ ही 'रैगिंग के दुष्परिणाम' एवं 'पुरुष-महिला व्यावहारिक सम्मान' विषय पर भी विमर्श होगा।
(डॉ. पवित्र श्रीवास्तव)
निदेशक, जनसंपर्क प्रकोष्ठ