मुंबई. अग्रवाल ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा महाराजा अग्रसेन पैलेस भवन परिसर में नवनिर्मित महालक्ष्मी मंदिर में शनिवार 6 जुलाई से मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन प्रारंभ हो चुका है। लोनावाला के कार्ला स्थित श्री महालक्ष्मी माता शक्ति पीठ महाराजा अग्रसेन पैलेस परिसर में एक सप्ताह तक चलने वाले विभिन्न अनुष्ठान का आचार्यत्व पं. राजेंद्र प्रसाद शुक्ल (अहमदाबाद) के सूक्ष्म संरक्षण में कर्मकांडी ब्राह्मण विद्वानों का समूह पं. महेंद्र जोशी के साथ कर रहा है।
लोनावला कार्ला में ‘अग्रवाल ग्लोबल फाउंडेशन’ के अंतर्गत ‘महाराजा अग्रसेन पैलेस’ के प्रांगण में नवनिर्मित ‘श्री महालक्ष्मी माता शक्तिपीठ मंदिर’ में मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ सैकड़ों अग्रवाल महिलाओं द्वारा कलश यात्रा से हुआ। लाल, गुलाबी, पिले वस्त्रों में सुशोभित हो भारी संख्या में घुवालेवाला परिवार एवं अग्रवाल समाज की महिलाएं, पुरुष, युवतियां, बच्चे, बुजुर्ग माथे पर कलश लेकर पैलेस के परिसर में बने श्री महालक्ष्मी मंदिर में पहुंचे. कलश यात्रा में सभी अग्रवाल बंधुओं में भक्ति का जोश देखते ही बनता था।
‘यात्रा मंगलयात्रा, यात्रा कलशयात्रा, प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव ये काम शुभ है, श्री महालक्ष्मी माता शक्तिपीठ धाम है’ इस भजन के माध्यम से सभी अग्रबंधुओं को भक्ति में लीन कर दिया. कलश यात्रा के बाद सभी अग्रबंधु मंदिर प्रांगण में पहुंचे जहां मंदिर का उद्घाटन एवं मंडप प्रवेश जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज द्वारा किया गया. इसके बाद वहां पंडितों के वैदिक मंत्रोउच्चारण के बीच जलभरी और गणेश पूजन की गई और 108 कलश स्थापित किए गए एवं उनकी पूजा अर्चना की गई.
श्री महालक्ष्मी माता शक्तिपीठ मंदिर मुख्य दानदाता राजेंद्र घुवालेवाला और उनके परिवार द्वारा निर्मित किया गया है.
6 जुलाई से प्रारंभ हुए 7 दिवसीय इस मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा समारोह में सर्वप्रथम पूजा अर्चना, शुद्धिकरण एवं मांगिलक कार्यक्रम 11 जुलाई तक किये जायेगे और फिर 12 जुलाई को मंदिर में मूर्तियों की स्थापना की जायेगी. गुरुवार 11 जुलाई तक मंदिर प्रांगण में नित्य पूजा, वास्तु पूजन, कुंड पूजन, गृह हवन जलाधिवास, सायंकालीन पूजन-आरती, गंधाधिवास, आदि अनुष्ठान किए जाएंगे
श्री महालक्ष्मी माता शक्ति पीठ के सात दिवसीय मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में शनिवार 6 जुलाई को उद्घाटन एवं मंडप प्रवेश, गणपति पूजन, स्थापित देवता पूजन सायंकालीन पूजन-आरती संपन्न हुई। रविवार 7 जुलाई को नित्य पूजा, वास्तु पूजन, कुंड पूजन, गृह हवन जलाधिवास, सायंकालीन पूजन-आरती होगी। सोमवार 8 जुलाई को नित्य पूजा, गन्धाधिवास, शान्तिक पौष्टिक हवन, मूर्ति- मूर्तिपति लोकपाल आवाहन, सायंकालीन पूजन-आरती, पुष्पाधिवास अनुष्ठान किया गया। मंगलवार 9 जुलाई को नित्य पूजा, प्राण सूक्त पाठ, फलाधिवास, सायंकालीन पूजन-आरती संपन्न हुई।
बुधवार 10 जुलाई को नित्य पूजा, मूर्ति-मूर्तिपति लोकपाल हवन, धान्याधिवास, सायंकालीन पूजन-आरती की गई। । गुरुवार 11 जुलाई को नित्य पूजा, नेत्रोन्मिलन, तत्वन्यास, स्नपन विधि-81 कलश यज्ञ, सायंकालीन पूजन-आरती, शैय्याधिवास अनुष्ठान होगा। अंतिम दिन शुक्रवार 12 जुलाई को नित्य पूजा, मूर्ति की स्थापना, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, हवन, पूर्णाहुति, महाप्रसाद शिखर कलश प्रतिष्ठा, ध्वजा प्रतिष्ठा, सायंकालीन आरती की जाएगी।
शुक्रवार 12 जुलाई को को मुख्य समारोह होगा जिसमें श्री महालक्ष्मी मंदिर में मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा अहमदाबाद से ज्योतिषाचार्य डॉ. राजेंद्रप्रसाद शुक्ल द्वारा की जायेगी. इस कार्यक्रम के मुख्य जजमान राजेंद्र घुवालेवाला (मंदिर डोनर), अशोक गोयल (चेयरमैन), जयकुमार गुप्ता (प्रेसीडेंट), हर्षवर्धन अग्रवाल (एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंट), विनोद मित्तल (प्रोजेक्ट चेयरमैन) द्वारा एवं अग्रवाल ग्लोबल फाउंडेशन, समस्त ट्रस्टीगण एवं समस्त घुवालेवाला परिवार हैं.
5 सालों के लंबे इंतजार के बाद जिस शुभ घड़ी का समस्त अग्रवाल बंधुओं को था इंतजार वो शुभ घड़ी का प्रारंभ हो चुका है, लोनावला में कार्ला स्थित अग्रवाल ग्लोबल फाउंडेशन के अंतर्गत महाराजा अग्रसेन पैलेस के प्रांगण में कमल के मूल कथ्य पर बने श्री महालक्ष्मी मंदिर में 7 मंदिर होंगे, जिसमें मंदिर के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश और महाराजा अग्रसेनजी का मंदिर होगा. मंदिर के भीतर प्रवेश करते ही शिव मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, सालासर बालाजी मंदिर, शेर पर विराजमान दुर्गा माता का मंदिर होगा और केंद्र में महालक्ष्मी माता का मंदिर होगा जिसमें उनके साथ माता कालिका एवं माता सरस्वती विराजमान होंगी. मंदिर की सारी मूर्तियां जयपुर के शिल्पकारों द्वारा तैयार की गई हैं.
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज द्वारा मंदिर का उद्घाटन व मंडप प्रवेश
श्री महालक्ष्मी माता शक्तिपीठ के प्राणप्रतिष्ठा महोत्सव में उत्साही नज़र आया धुवालेवाला परिवार, हाथ जोड़ भगवान की पूजन अर्चना में लीन दिखें सभी अग्रबंधु.
मंदिर के आर्किटेक्ट मुंबई के जान माने मंदिरों के वास्तुकार सुभाष भोईटे हैं। महाराजा अग्रसेन पैलेस में मंदिर 5000 स्क्वेअर फीट में बना है. मंदिर में भक्तों को सभी गर्भगृह के मंदिरों की परिक्रमा करने के लिए मार्ग बनाया गया है, यह महालक्ष्मी का मंदिर है इसलिए मंदिर की परिक्रमा करते समय भक्तों को विष्णुजी के दस अवतारों के दर्शन प्राप्त होंगे. मंदिर के भीतर हर दीवार पर उन्हें ॐ के छाप देखने को मिलेंगे. साथ ही मंदिर के भीतर के खंभों पर भक्तों को अमृत कलश, कमल की बेल, महालक्ष्मी वाहन गजराज और सरस्वती वाहन हंस की नक्काशी देखने को मिलेंगी. साथ ही मंदिर में प्रवेश करते ही भक्तों को गुम्बद की भीतरी दीवारों पर महालक्ष्मी माता की नक्काशियों के दिव्य दर्शन प्राप्त होंगे।
मंदिर के भीतर 5 मंदिर हैं इसलिए मंदिर के ऊपर भक्तों को पांच गुम्बद देखने को मिलेंगे जिसमें प्रत्येक गुम्बद के शिखरों पर पीतल के डंडों पर सोनेरी परत लगाकर भगवा झंडे और कलश देखने को मिलेंगे. गुम्मद के भीतर से सूर्य की किरण सीधे मां लक्ष्मी के चरणों पर आएंगी. पूरा मंदिर मकराना मार्बल, वियतनाम मार्बल, आरसीसी सीमेंट, अंबाजी मार्बल और लाल संगमरमर से तैयार किया गया है. इसके साथ बाहरी दीवारों पर राजस्थान से गुलाबी और लाल रंग के सैंड स्टोन की रचनात्मकता देखने को मिलेगी जैसे आयोध्या के रामलला के मंदिर में की गई हैं.
श्री गौरव राजेंद्र घुवालेवाला ने कहा कि 5 साल से भी पहले से इस मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है, मेरे पिताजी राजेंद्र सागरमाल इस मंदिर के मुख्य दानदाता हैं. मेरे पिताजी ने पहले 3 मंदिरों का भव्य निर्माण कराया है, यह चौथा मंदिर है. हम मुकुंदगढ़ के रहने वाले हैं मेरे पिताजी ने वहां 25 साल पुराने मंदिर को नवनिर्मित किया इसके बाद वहां दुर्गा माता और पंचमुखी हनुमान मंदिर की स्थापना के साथ-साथ हमारी ब्रिजल सती दादी का मंदिर बनाया. अभी यह मंदिर भी बन चुका है. हमें हमारा सपना साकार सा लग रहा है. भक्ति एवं सनातनी कार्य के लिए हम हमेशा तत्पर थे, तत्पर हैं और तत्पर रहेंगे और हमसे जो बन पड़ेगा हम वह दान करेंगे. इस सात दिवसीय महोत्सव में
हमारा पूरा परिवार आया है जिसमें मेरे पिताजी, मेरी माताजी-कुसुम, मेरी पत्नी- राखी, मेरे दोनों बेटियां- युतिका और मायरा, मेरी बहन मेघा देवड़ा, मेरे जीजाजी- अंकुर देवड़ा एवं उनकी बेटी राधा देवड़ा है. इसके साथ इस सात दिवसीय कार्यक्रम में मुंबई, पुणे सहित कई शहरों से 4000 से ज्यादा अग्रबंधुओं की आने की संभावनाएं हैं.
अग्रवाल ग्लोबल फाउंडेशन के ट्रस्टी डालचंद गुप्ता ने कहा कि महालक्ष्मी मंदिर हमारी कल्पनाओं से भी बेहतर बना है जो समस्त हिंदुओं के लिए भक्ति के साथ-साथ शांति का भी मार्ग सिद्ध होगा. 5 साल से श्रमिक मंदिर के निर्माण कार्य में लगे हुए थे।