उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल को चढ़ाया जाने वाले प्रसाद पर अब भोगका ठप्पा लगने जा रहा है। फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की तरफ से भोग का प्रमाण पत्र मिलेगा।
देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर को 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के मौके पर BHOG (ब्लिसफुल हाइजिनिक ऑफरिंग टु गॉड) का टैग मिलेगा। यह टैग मंदिर में तैयार होने वाले प्रसाद की शुद्धता और खाद्य सुरक्षा से जुड़ा होगा, जिसको श्रद्धालुओं में बांटा जाता है।
इस टैग के साथ ही महाकालेश्वर देश के उन मंदिरों में शुमार हो जाएगा, जिन्हें यह टैग हासिल है। अभी तक यह टैग देश के जिन फेमस मंदिरों को हासिल है, उनमें तमिलनाडु का मीनाक्षी मंदिर और गुजरात का सोमनाथ मंदिर शामिल है। दुनियाभर से लाखों की संख्या में श्रद्दालु हर महीने महाकालेश्वर मंदिर में आते हैं। मंदिर में 30 दुकानें और एक अन्नक्षेत्र है। भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को मेन सोर्स यही दुकानें हैं।
मध्य प्रदेश के फूड ऐंड ड्रग्स ऐडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) विभाग ने महाकालेश्वर को भोग के टैग का टार्गेट निर्धारित किया हुआ था। विभाग के जॉइंट कमिश्नर ब्रिजेश सक्सेना ने टाईम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘महाकालेश्वर मंदिर में दुकानों और अन्नक्षेत्र में काम करने वालों के लिए ट्रेनिंग के 3 सेशन्स का आयोजन किया गया था।’
उन्होंने बताया, ‘एफएसएसएआई के एक्सटर्नल ऑडिट में महाकालेश्वर को 83 प्रतिशत स्कोर मिला था। न्यूनतम योग्यता 80 प्रतिशत की है। प्रसाद के कच्चे सामग्रियों की क्वालिटी, तैयार करने की प्रक्रिया, पैकेजिंग की प्रक्रिया, बचे हुए खाद्य के डिस्पोजल को देखने के बाद प्रदेश एफडीए ने मंदिर को BHOG सर्टिफिकेट के लिए एफएसएसएआई को सिफारिश भेजी थी।’