जयपुर। महारानी गायत्री देवी भारतीय राजनीति में ब्यूटी विद ब्रेन वाली शख्सियत के तौर पर याद की जाती हैं। सन 1962 में उन्होंने जयपुर से पहला चुनाव रिकार्ड मतों से जीता। उन्हें 2.46 लाख मत में से 1.93 लाख मत मिले। उनका नाम सर्वाधिक वोट के लिए विश्व रिकॉर्ड के तौर पर गिनीज बुक में दर्ज हुआ।
जयपुर राजघराने की महारानी की जिंदगी उतार चढ़ाव भरी रही। उन्होंने तीन बार लोकसभा का चुनाव जीता। महारानी गायत्री देवी ने 1962 में सी राजगोपालाचारी द्वारा स्थापित स्वतंत्र पार्टी की ओर से राजनीति में कदम रखा और इसी साल जयपुर से जीतकर तीसरी लोकसभा की सदस्य बनीं।
कांग्रेस से हमेशा दूरी : वे 1967 और 1971 में भी स्वतंत्र पार्टी से जयपुर से चुनाव जीतकर संसद में पहुंची। सन 1965 में उन्हें लाल बहादुर शास्त्री द्वारा कांग्रेस में शामिल होने का न्यौता मिला, उस समय कांग्रेस सरकार ने उनके पति सवाई मानसिंह द्वितीय स्पेन में भारत के राजदूत थे। पर वे सरकार में शामिल नहीं हुईं और भैरो सिंह शेखावत के साथ जनसंघ से गठबंधन कर लिया।
इमरजेंसी में पांच माह जेल में : जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लगाया गया तब गायत्री देवी को भी जेल में समय बिताना पड़ा था। वह पांच महीनों तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में रही थीं।
पर्दा प्रथा का विरोध : वे गरीबों के प्रति रहमदिल समाज सेविका भी थीं। उन्होंने महिलाओं के लिए पर्दा प्रथा का विरोध किया। वह मानती थीं कि महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं।
दुनिया की 10 सुंदर महिलाओं में शुमार : विश्व स्तर की जानी मानी वोग पत्रिका द्वारा महारानी गायत्री को दुनिया की 10 सबसे खूबसूरत महिलाओं की श्रेणी में रखा था।
सफरनामा
1919 में 23 मई को लंदन में जन्म
1940 में 9 मई को उनका विवाह सवाई मान सिंह द्वितीय से हुआ।
1970 में उनके पति सवाई मान सिंह का निधन हो गया।
1967 और 1971 में भी लोकसभा का चुनाव जीता।
1976 में उनकी आत्मकथा ए प्रिंसेस रिमेम्बर्स आई।
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