नई दिल्ली। इंडियन मीडिया सेंटर (आईएमसी) तहलका के संपादक तरुण तेजपाल द्वारा प्रथम द्रष्टया एक महिला पत्रकार के साथ यौन उत्पीड़न के गंभीर मामले की भर्त्सना करता है और मीडिया की सत्यनिष्ठा व जनहित में इस मामले की संबंधित प्राधिकारी द्वारा उचित जांच की मांग करता है। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इंडियन मीडिया सेंटर के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद चन्दन मित्रा, उपाध्यक्ष बृजकिशोर कुठियाला, कार्यकारी निदेशक के. जी. सुरेश और सचिव शिवाजी सरकार ने ये यह मांग रखी है.
कोई भी कॉर्पोरेट या संपादकीय प्रमुख अपने लिये सजा तय नहीं कर सकता। पत्रिका के प्रबंधन को उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित विशाखा दिशानिर्देशों के आधार पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए थी। इस तरह के गंभीर मामले में तहलका प्रबंधन द्वारा अपना कर्तव्य न निभाकर ‘आंतरिक जांच’ बिठाना अक्षम्य है और बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। यह संस्थागत विफलता का एक स्पष्ट मामला है और इस मामले में देश के कानून के अनुसार चलना उचित होगा।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को पूरे मीडिया के लिए भी एक ‘वेक अप कॉल’ के रूप में देखा जाना चाहिए और संस्थागत तंत्र को विशाखा दिशानिर्देशों के उल्लंघन के छोटे से मामलों का भी संज्ञान लेते हुए कानून को अपना कार्य करने देना चाहिए। सरकार को भी अपने स्तर पर तत्काल प्रभाव से प्रभावी कानूनों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक सुदृढ़ तंत्र विकसित करना चाहिए। यह सुझाव है कि इस कार्य की जिम्मेदारी महिला आयोग को दी जानी चाहिए।
आईएमसी द्वारा इस मुद्दे पर निकट भविष्य में संबंधित संगठनों और समरुचि के लोगों के साथ मिलकर एक राष्ट्रीय विमर्श का आयोजन किया जाएगा। आईएमसी प्रिंट, इलैक्ट्रॉनिक और वेब पत्रकारिता में उच्चतम मानकों को समर्पित एक स्वतंत्र और गैर लाभकारी संस्था है। इसकी देश में 16 इकाइयां हैं।