नई दिल्ली । वर्ल्ड चैंपियन मीराबाई चानू ने 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल जितवाया है। चानू ने महिलाओं के 48किलोग्राम में भारत को पदक जितवाया। भारवर्ग में स्नैच में (80kg, 84kg, 86kg) का भार उठाया। वहीं क्लीन ऐंड जर्क के पहले प्रयास में उन्होंने 103 किलोग्राम भार उठाया और दूसरे प्रयास में 107 किलोग्राम का भार उठाया और तीसरे प्रयास में 110 किलोग्राम भार उठाया।
80 किलोग्राम भार उठाते ही उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स का रेकॉर्ड बना दिया। इसके बाद अपने तीसरे और आखिरी प्रयास में उन्होंने 86 किलो उठाकर कॉमनवेल्थ के अपने ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (85किलोग्राम) को पीछे छोड़ दिया।
गुरुवार को गोल्ड कोस्ट में चानू ने शुरुआत ही कॉमनवेल्थ गेम्स के रेकॉर्ड के साथ की। उन्होंने 81 किलो उठाकर पिछले रेकॉर्ड 77 किलो को पीछे छोड़ा। इसके बाद अगले दो प्रयासों में वह अपना ही रेकॉर्ड बेहतर करती चली गईं। दूसरे प्रयास में उन्होंने 84किलोग्राम भार उठाया। वहीं तीसरे प्रयास में उन्होंने 86किलोग्राम का भार उठाया। इसके साथ ही उन्होंने पिछले साल वर्ल्ड चैंपियनशिप में उठाए अपने 85 किलोग्राम को बेहतर कर लिया।
चानू को फरवरी में महिंद्रा स्कॉर्पियो टाइम्स ऑफ इंडिया अवॉर्ड्स वेटलिफ्टर ऑफ द ईयर का खिताब दिया गया था। यह खिताब उनके पिछले साल वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के उपलक्ष्य में दिया गया था।
चानू को शुरू से ही गोल्ड का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। चानू ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी सिल्वर मेडल हासिल किया था। इससे पहले भारत के लिए दिन का पहला पदक गुरुराजा ने हासिल किया था। उन्होंने पुरुषों के 56 किलोग्राम भारवर्ग में सिल्वर मेडल जीता था।
23 वर्षीय भारतीय लिफ्टर भारतीय रेलवे के साथ सीनियर टिकट चेकर के तौर पर काम करती हैं। उन्होंने वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 194 किलोग्राम का भार उठाकर नैशनल रेकॉर्ड बनाया था। वह कर्णम मल्लेश्वरी के बाद वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप्स में मेडल जीता था।
मणिपुर के इम्फाल ईस्ट में जन्मीं मीराबाई ने 2007 में वेटलिफ्टिंग शुरू की। मीराबाई को कुंजरानी देवी ने वेटलिफ्टिंग के लिए प्रेरित किया।