अनगिनत खिताब अपने नाम करने और हमेशा लीक से हटकर, कुछ नया करने के लिए जानी जाने वाली बहुमुखी प्रतिभा की धनी ‘यूके सुपरस्टार रॉकस्टार’ डॉ. मेघा भारती मेघल ने एक और ऐतिहासिक स्टाइलिश प्रयोग करते हुए अपना नया गीत ‘डियर सुआ’ रिलीज़ किया है।
इस गीत की ये शुरुआती पंक्तियां ओ लौंडा मोहना सुआ दिल तू मेरो लैजा, तेरी गोरी मुखड़ी सुआ इक बारी दिखै जा, सुन मोहना, सुन मोहना’ ही गीत के विषय को स्पष्ट कर देती हैं। हिन्दी, अंग्रेज़ी और पहाड़ी जैसी, तीन-तीन भाषाओं का प्रयोग करके, ये प्रेम गीत मेघल ने विश्वभर में फैले अपने प्रशंसकों को वेलेंटाइन्स पर तोहफे के रुप में प्रस्तुत किया है। इस गीत में भी उनका विशिष्ट स्टाइल साफ़ दिखाई पड़ रहा है।
डॉ. मेघल ने ‘डियर सुआ’ के साथ, उत्तराखंड की पारम्परिक संगीत पद्धतियों को पाश्चात्य संगीत के रैप से मिश्रित कर, ये अद्भुत गीत तैयार किया है। ये गीत उत्तराखंडी संगीत जगत में एक मील का पत्थर है। ये आने वाले कलाकारों के लिए एक उदाहरण है। पहाड़ी संगीत की दुनिया में ये पहला गीत है जिसमें लोक संगीत और पाश्चात्य संगीत का संगम इस ख़ास रूप में देखा जा रहा है। पहाड़ी ‘न्यौली’ और ‘रैप’ से प्रेरित होकर ये गीत मेघल ने लिखा है।
इस गीत को इन्होंने कंपोज किया, संगीत दिया, और गाया भी है। इस गीत में उन्होंने पहाड़ी, हिंदी और अंग्रेज़ी – तीन भाषाओं का अद्भुत प्रयोग किया है, जैसे – ‘डियर सुआ, सुन बात मेरी, आई थिंक आ एम फॉलिंग इन लव विथ यू, यू आर माय लाइट, माय क्रेज़ी डिलाइट, तू ही तो है मेरी फैंटेसी फ्लाइट, हां हां हां मेरी जान है तू।’ इन पद्धतियों से रचा गया ये आज तक का पहला गीत है।
ग्लोबल अप्रोच देते इसी गीत से मेघल रैप गायन की दुनिया में भी कदम रख रहीं हैं। जहाँ उत्तराखंडी गीतों में रैप गायन केवल पुरुषों द्वारा गाया जा रहा है, वहां एक बार फिर मेघल एक रैप गायिका के रूप में भी अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए तैयार हैं। साथ ही मेघल ने स्वयं इसमें अभिनय भी किया है। इस गीत पर लम्बे अरसे से काम कर रहीं थीं डॉ. मेघल।
इस बारे में कहती हैं – ‘इस गीत पर काम करना मेरे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती रही क्योंकि दो बिल्कुल ही अलग तरीके की संगीत शैली को इस तरह तैयार करना कि वे एक ही गीत बन जाए, गीत भी ऐसा कि दोनों शैली के मूल भाव और मधुरता भी बनी रहे। वाकई मुश्किल तो था। लेकिन मैं खुश हूं कि मेरा ये प्रयोग सफ़ल हुआ।’
डॉ. मेघल का ये गीत उत्तराखंडी लोक संगीत की एक ख़ास पद्धति और पाश्चात्य संगीत के रैप का उदाहरण बनने के साथ ही मील का पत्थर बन गया है। ‘स्टाइल आइकॉन’ डॉ. मेघल ने अपने इस ऐतिहासिक शाहकार के साथ, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों में उन्हें कोट करने वाले और उनके व्यक्तिव एवम कार्यों पर शोध करने वाले सभी को एक बार फ़िर सही साबित कर दिया है।
अनगिनत खिताब अपने नाम किए हैं और बहुत से अलग-अलग नामों से इन्हें जाना जाता है। उनके स्टाइल स्टेटमेंट और बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें ‘स्टाइल आइकॉन’ का लोकप्रिय मुक़ाम दिलवाया है। हमेशा लीक से हटकर, कुछ नया करने के लिए जानी जाने वाली ‘यूके सुपरस्टार रॉकस्टार’ मेघल ने अपनी इस ‘स्टाइल आइकॉन’ की छवि को और मज़बूत करते हुए रिलीज़ किया है अपना नया गीत ‘डियर सुआ’। ‘
संगीत, कला और साहित्य के क्षेत्र में कई बार विश्व पटल पर अपने नाम का परचम लहरा चुकीं, डॉ. मेघल ‘प्रथम अन्वेषक’ यानि ‘पायनियर’ भी कही जाती हैं। हमेशा कुछ नया सबसे पहले कर दूसरों के एक नया रास्ता बनाकर देना उनकी आदत में शुमार है। फिर चाहे वो उनका कोई गीत हो, उनकी कोई पुस्तक हो या मंच और टेलीविज़न पर उनका कोई कार्यक्रम हो।
उत्तराखंड के संगीत जगत में डॉ.मेघल नए-नए प्रयोग कर चुकीं हैं। अपने विद्यार्थी जीवन के दौरान ‘पहाड़ी पॉप म्यूज़िक’ को भी इन्होंने ही जन्म दिया। इसके अलावा भी कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ इन्होंने अब तक हासिल की हैं। पहली बार राज्य में स्टार नाईट का आयोजन भी मेघल के नाम से ही शुरू हुआ {मेघा भारती नाइट}। वे उत्तराखण्ड की प्रथम और एकमात्र महिला गीतकार, कंपोजर, संगीतकार एवं गायिका हैं और सर्वप्रथम महिला गायिका हैं जिनके सोलो एल्बम मार्केट में आए।
अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल्स में भी मेघल के लिखे और कंपोज़ किए गीतों ने खासी प्रशंसा लूटी है। मेघल को सर्वश्रेष्ठ गीतकार का सम्मान भी प्राप्त है। इनके गीतों को गायिका साधना सरगम ने भी स्वर दिया है। अमेरिका और यूक्रेन जैसे देशों से डॉ. मेघल को मिल चुके हैं सम्मान।
मेघल यूथ आइकॉन’, ‘यूके सुपरस्टार रॉकस्टार’, ‘उत्तराखंड की शान, उत्तराखंड की पहचान’, ‘सर्वश्रेष्ठ गीतकार’, ‘मैगास्टार एमबीएम’, ‘ऑल इन वन एंबैसेडर’, ‘ग़ज़ल शहज़ादी’, ‘हिन्दी काव्य रत्न अवॉर्ड’, ‘श्री अटल बिहारी बाजपाई वोमेन अचिवर अवार्ड’, कला निधि’ जैसे कई खिताबों से भी नवाज़ी जा चुकी हैं। वह संगीत, कला और साहित्य की ‘ऑल इन वन ब्रान्ड एंबैसेडर’ बन चुकी हैं।
इनके प्रशंसक देश से विदेश तक फैले हैं। जिस प्रकार रिसर्च के क्षेत्र में, अंग्रेज़ी में पीएचडी की डिग्री हासिल करने वाली डॉ. मेघल को शोध कर्ताओं द्वारा पुस्तकों और रिसर्च पेपर्स में कोट किया जा रहा है उसी तरह, संगीत के क्षेत्र में भी कई कलाकार इनका अनुसरण करते आ रहे हैं। उनके लिए भी मेघल का नया गीत किसी उपहार से कम नहीं है।