नई दिल्ली। पर्यटन मंत्रालय की “देखो अपना देश” वेबिनार श्रृंखला के तहत 13 मार्च 2021 को “असमिया व्यंजन- द गोरमेट अनएक्सप्लोर्ड ” शीर्षक से 80 वीं वेबिनार का आयोजन किया गया। भारत में लजीज व्यंजनों, खाना पकाने की शैलियों के अनेक जीवंत उदाहरण हैं। और सभी की अपनी पाक विशेषता है। स्थानीय रुप से इसके लिए मसाले, अनाज, सब्जियां उपलब्ध हैं। भारतीय भोजन एक संतुलित भोजन है। क्योंकि इसमें सभी प्रकार के स्वाद को संतुष्ट करने की खासियत है। जैसे नमकीन, मीठा, कड़वा या मसालेदार एक या अधिक अनाज, सब्जियों के मसाले आदि के मिश्रण खाने में मौजूद हैं । इस वेबिनार का फोकस असम के व्यंजनों पर किया गया । जो कि विभिन्न पाक कलाओं का संगम है।
असम भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है और अपनी स्थिति के कारण अतीत में यहां पर काफी संख्या में लोगों का विस्थापन हुआ है। और इसकी वजह से असमिया भोजन में विविध प्रकार के दिलचस्प भोजन की आदतें पैदा हुई हैं। ब्रह्मपुत्र नदी के कारण और अपने सामरिक स्थिति की वजह से असम की जमीन बेहद उपजाऊ है। जिसके परिणामस्वरूप कई ताजा सब्जियां, विभिन्न प्रकार के मांस, जड़ी-बूटियां और मसाले इस क्षेत्र में उपलब्ध हैं। असमिया भोजन के मुख्य आहार में चावल, मछली / मांस, सब्जियां और जड़ी-बूटियां आदि शामिल हैं। असमिया व्यंजनों में खाना पकाने की शैली भाप के जरिए, उबालकर , बारबेक्यू से लेकर तलने और रसदार की नियमित शैली आदि पर आधारित है।
वेबिनार में असम की इनबाउंड ट्रैवल कंपनी में पार्टनर सुश्री मधुस्मिता खुद ने प्रस्तुति दी। जो कि पूर्वोत्तर भारत में विभिन्न रुचियों और विषय आधारित यात्रा कराने में विशेषज्ञता रखती हैं। इसके अलावा पाक कला लेखक, ब्लॉगर और रेस्तरां की समीक्षा करने वाली और किचेन सलाहकार सुश्री संजुक्त दत्ता ने वेबिनार में प्रस्तुति दी। संजुक्ता गुवाहाटी में रहती हैं। वेबिनार में पारंपरिक असमिया चिकन व्यंजन को बनाने का लाइव प्रदर्शन भी दिल्ली की कॉरपोरेट शेफ मेघा द्वारा किया गया।
असम उत्तर पूर्वी राज्यों का प्रवेश द्वार है और इसे उत्तर पूर्वी भारत का प्रहरी कहा जाता है। असम पहाड़ियों, ब्रह्मपुत्र और बराक जैसी प्रमुख नदियों और इसकी सहायक नदियों, घने जंगल, चाय के बागानों से घिरा हुआ है। जो असम की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं। गुवाहाटी के पश्चिमी भाग में नीलाचल पहाड़ियों में स्थित कामाख्या मंदिर, देवी कामाख्या को समर्पित सबसे पुराना मंदिर है। यह मंदिर तांत्रिक पूजा के तीर्थयात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसकी लोकप्रियता वार्षिक अम्बुबाची मेला महोत्सव के दौरान कहीं ज्यादा बढ़ जाती है। प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम के गोलाघाट जिले में स्थित है, जो दुनिया की एक सींग वाली गैंडे की प्रजातियों की सबसे बड़ी आबादी का घर है। मानस राष्ट्रीय उद्यान एक विश्व धरोहर स्थल है। जहां पर पूर्वी हिमालय की जैव-विविधता क्षेत्र का भी एक हिस्सा है। जो कि देश में मौजूद दो जैव विविधता “हॉट स्पॉट” में से एक है। इस राष्ट्रीय उद्यान में बाघों का उच्चतम घनत्व भी है। राज्य में 600 से अधिक चाय बागान हैं। जो ऊपरी असम की यात्रा के दौरान आंखों को सुखदायक दृश्य प्रदान करते हैं।