हिंदी पत्रकारिता की जानी-मानी हस्ती वरिष्ठ पत्रकार जवाहरलाल राठौर का मंगलवार सुबह निधन हो गया। वे 85 वर्ष के थे और अपने जीवन के 60 वर्ष पत्रकारिता के लिए समर्पित कर दिए। 16 अगस्त 1947 से करीब पांच वर्ष तक उन्होंने अपनी जन्मभूमि झाबुआ में इन्दौर से प्रकाशित नईदुनिया संवाददाता के रूप में कार्य किया, फिर इंदौर आकर विभिन्न अखबारों में संवाददाता, विशेष संवाददाता, घूमंतू संवाददाता रहने के बाद करीब 30 वर्ष तक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर सक्रिय रहे।
स्वाधीनता आंदोलन में लिया था हिस्सा
जवाहरलाल राठौर ने 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलने के तहत दरबार हाईस्कूल झाबुआ के छात्रों द्वारा महात्मा गांधी की गिरफ्तारी के विरुद्ध जुलूस निकालकर हाई स्कूल पर पहली बार तिरंगा झंडा फहराया गया था। उस समय 11 वर्ष की आयु में उन्होंने इसमें शिरकत की। वे उस समय सातवीं कक्षा के छात्र थे। झाबुआ स्टेट कॉउंसिल ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे राजद्रोह मानते हुए सभी छात्रों को कड़ी चेतावनी दी थी।
सितंबर 1947 में राजमहल के दरबार-हाल में वार्षिक गणोशोत्सव में राजशाही सरकार के खिलाफ महाराजा की उपस्थिति में राजशाही के विरुद्ध एक नाटक खेलने पर उन्हें सजा दी गई थी। जवाहरलाल राठौर उस दौरान दमन करने वाली हुकूमत के खिलाफ लड़ते रहे।
साभार- दैनिक नईदुनिया से