Monday, November 25, 2024
spot_img
Homeजियो तो ऐसे जियोश्री अश्वनी लोहानी ने शुरू की काम की संस्कृति

श्री अश्वनी लोहानी ने शुरू की काम की संस्कृति

किसी सरकारी दफ्तर में जाईये या किसी कॉर्पोरेट ऑफिस में, आपको शाद ही कभी ऐसा देखने को मिले कि ऑफिस का शीर्ष अधिकारी और उसके मातहत काम करने वाले कर्मचारी एक साथ बैठकर खाना खा रहे हों। मुंबई जैसे शहर में इतना जरुर है कि सभी एक ही कैंटीन में खाना खाते हैं, लेकिन यहाँ भी अधिकारियों और समकक्ष कर्मचारियों का समूह अलग बैठता है। लेकिन रेल्वे बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अश्वनी लोहानी जिस कार्य संस्कृति को बढ़ा दे रहे हैं, अगर ऐसी कार्य संस्कृति देश के सरकारी दफ्तरों में आ जाए तो आधी समस्याएँ तो ऐसे ही हल हो जाए। रेल्वे बोर्ड के अध्यक्ष बनने के बाद श्री लोहानी जब रेल भवन की कैंटीन में अपने कर्मचारियों के साथ बैठकर खाना खाने पहुँचे तो कर्मचारी हैरान रह गए। लेकिन लोहानी जी ऐसे ही अधिकारी हैं जो अपने हर काम से चौंकाते ही नहीं हैं बल्कि प्रेरणा भी देते हैं।

इधर औरैया रेल हादसे के बाद नए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने ऐलान किया है कि रेलवे के शीर्ष अधिकारी अब सप्ताह में पांच के बजाय छह दिन काम करेंगे। साथ ही बड़े से बड़े अफसर की अगवानी में कोई भी अधिकारी न तो जाएगा और न ही उन्हें बुके और गुलदस्ता भेंट करेगा।

पदभार ग्रहण करने के बाद ही लोहानीजी के इस निर्देश की जानकारी रेलवे अफसरों के सीयूजी नंबर और व्हाट्सअप पर भेज दी गई है। इस संबंध में अफसरों ने तर्क दिया कि अश्वनी लोहानी अपने डीआरएम कार्यकाल में भी अलग मिजाज से काम करते थे और वह विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों के हमेशा हितैषी रहे हैं। रेलवे विभाग को छोड़ दूसरे में जाने के पीछे उनका स्वाभिमान जुड़ा था। अभी तक कुछ अफसरों को छोड़ बाकी सभी अधिकारी सप्ताह में पांच दिन ही काम करते थे। साथ ही शीर्ष अधिकारी के आने पर स्थानीय अधिकारी उन्हें रिसीव करने जाते थे। स्टेशन अधीक्षक को ही बड़े अफसरों को रिसीव करने के लिए अधिकृत किया गया है। सीपीआरओ जीके बंसल ने फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस आशय का मैसेज व्हाट्सअप ग्रुप पर जारी हो चुका है। एक-दो दिनों में लिखित भी आ जाएगा।

रेलवे में जूनियर और सीनियर अफसरों के बीच का फासला दूर होगा। सभी एक टीम की तरह काम करेंगे। सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की सलाह सुनी जाएगी और उनका सम्मान होगा। अधिकारी अपने कर्मचारियों के साथ ज्यादा समय बिताएंगे। सिर्फ अपने कमरे में बैठकर अफसरी झाड़ना नहीं चलेगा। बल्कि अपने अधीनस्थों की समस्याओं को सुनना, उन्हें दूर करना होगा। ऑफिसों में दुर्गा पूजा, दिवाली समेत किसी भी त्योहार में उपहारों का लेनदेन नहीं चलेगा। गिफ्ट कल्चर तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया गया है।
Attachments area

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार