जयपुर – भारतीय रेल की हरित उपाय की ओर पहल के अन्र्तगत केन्द्रीय रेल मंत्री, श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने बुधवार जैसलमेर में फतेहगढ़, कोडियार गाँव में स्थापित 26 मेगा वाट के विंडमिल पावर प्लांट का राष्ट्र को सर्मपण तथा हैडआन जेनेरेशन (एच.ओ.जी. ) युक्त विद्युत इंजन द्वारा चालित प्रथम राजधानी रेलगाड़ी (12952 नई दिल्ली-मुम्बई राजधानी ) का शुभारम्भ, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर आज बुधवार को आयोजित एक समारोह में किया।
इस विंडमिल पावर प्लांट को भारतीय रेलवे एवं राइटस की संयुक्त उपक्रम, रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा लगाया गया है जो कि रेलवे के लिए पावर की उपलब्धता तथा इसके लिए हरित उपाय करती है। भारतीय रेलवे द्वारा लगभग 15 विलियन यूनिट बिजली की खपत ट्रैक्शन के लिए तथा 2-5 विलियन यूनिट बिजली की खपत नॉन टै्रक्शन र्काय के लिए प्रति र्वष करती है। बढ़ते हुए यात्री एवं माल भाड़ा यातायात को देखते हुए, ट्रैक्शन के उददेश्य हेतु और अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी। इस पावर प्लांट द्वारा उत्पन्न बिजली की खपत पशिचम मध्य रेलवे के दिल्ली-मुम्बई टं्रक रूट के भरतपुर-कोटा सेक्शन में स्थित तीन ट्रेक्शन सब-स्टेशनों नामत भरतपुर, हिन्डोन, तथा राम गंज मंडी, को की जायगी तथा यह सेक्शन रेलवे का प्रथम ”रेलवे ग्रीन कारिडोर” होगा। इस पावर प्लांट से प्रति वर्ष 50 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होने की संभावना है। इस अवसर पर रेल मंत्री ने, पर्यावरण की रक्षा करने, इस दिशा में निरन्तर प्रयत्नशील रहने तथा पारंपरिक ईंधन के ऊपर निर्भरता कम कर ईंधन के बिलों को सीमित करने पर जोर दिया।
श्री सुरेश प्रभु ने, पवन तथा सौर ऊर्जा का उपयोग कर वातावरण अनुकूल तथा प्रदूषण रहित यातायात का साधन उपलब्ध कराने की दिशा में रेलवे द्वारा किए गए विभिन्न उपायों का उल्लेख किया। जिसमें विभिन्न लोकेशनों, छतों पर, खाली पड़ी जमीन पर, लगाए गए सौर ऊर्जा प्लांट, पवन ऊर्जा प्लांट, सौर ऊर्जा द्वारा चालित पानी गर्म करने के संयंत्र, सोलर कूलर व सोलर स्ट्रीट लाइट आदि शामिल है।
उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे आगामी 5 वर्षो में सोलर पावर से 1000 मेगावाट का उत्पादन करने तथा 132 मेगावाट के विंडमिल प्लांट लगाने की योजना बना रही है।
हैड आन जेनेरेशन प्रणाली में डिब्बों की लाइटिंग, वातानुकूलन करने का काम ओवर हेड पावर लाइन द्वारा सीधे ही किया जाएगा जबकि एंड आन जेनेरेशन ( प्रणाली) में यह कार्य पावर कार में स्थित जेनरेटर सैट द्वारा किया जाता है। ई.ओ.जी. की तुलना में एच.ओ.जी. प्रणाली के निम्न लाभ हैं –
प्लेटफार्म पर पावर कार द्वारा होने वाला ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा । मौजूदा स्थिति में पावर कार द्वारा 105 का शोर होता है। ओवर हेड पावर लाइनों द्वारा ऊर्जा के उपयोग से स्वच्छ ऊर्जा प्राप्त होगी। वर्तमान में नई दिल्ली से मुम्बई एवं वापसी में 3000 लीटर ईंधन की खपत होती है।
नई दिल्ली से मुम्बई के बीच 20 डिब्बों सहित चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के आने-जाने में होने वाले ईंधन के खर्च में लगभग 1.5 लाख रुपये की बचत होगी तथा सालाना 5.5 करोड़ रुपये की बचत होगी। इससे ग्रीन हाउस गैसों का उत्र्सजन कम होगा। नई दिल्ली-कालका (13 डिब्बे) तथा नई दिल्ली-चंडीगढ़ शताब्दी (17 डिब्बे) वाली रेलगाडिय़ाँ जोकि लगभग 250-300 कि.मी. रुट लम्बाई पर चलती हैं, हेडआन जेनरेशन सुविधा को पहले ही सफलता पूर्वक परखा जा चुका है।