दो टूक : जब प्रत्क्षय रहकर बात ना बने तो अदृश्य बनकर इस दुनिया और उसके जुल्मों से लड़ना होगा. बस इतना सा सन्देश देती है निर्देशक विक्रम भट्ट
की इमरान हाशमी, अमायरा दस्तूर और अरुणोदय सिंह अभिनय वाली नयी फिल्म मिस्टर एक्स.
कहानी: फिल्म की कहानी रघु राम राठौड़ (इमरान हाशमी) और सिया वर्मा (अमायरा दस्तूर) की है. दोनों पुलिस के खुफिया आतंक विरोधी विभाग में एजेंट हैं. एक दिन विभाग को सूत्रों से खबर मिलती है चीफ मिनिस्टर की जान को खतरा है. एटीडी का एसीपी (अ:णोदय सिंह) चीफ मिनिस्टर की सुरक्षा की जिम्मेदारी रघु को सौंपता है. हालात तब बदलते हैं जब रघु सीएम को अपनी ही गोलियों से भून डालता है. रघु को गिरफ्तार कर लिया जाता है लेकिन एक भीषण विस्फोट के बाद जब रघु के भी मारे जाने की खबर आती है. तो सबकुछ बदल जाता है पर सच कुछ और है. इस हादसे के बाद भी रघु बच जाता है लेकिन बुरी तरह से जले रघु के शरीर में केमिकल रिएक्शन का असर उसे अदृश्य रहकर अपने दुश्मनों का सफाया करने में मदद करने लगता है तो फिर तो कहानी ही बदल जाती है.
गीत संगीत : फिल्म में जीत गांगुली और अंकित तिवारी के संगीत के साथ रश्मि सिंह, मोहनीश रजा , मनोज मुन्तजिर और अबेन्द्रा कुमार के लिखे गीत हैं और महेश भट्ट, अंकित तिवारी , मिली नायर , अर्जित सिंह और पालक म्यूचल के गाये गीत हैं लेकिन शीर्षक गीत और तेरी खुशबू जैसे बोलों वाले गीतों को छोड़ दिया जाए तो कोई गीत याद रखने वाला नहीं है. भट्ट कैंप की फिल्मों का संगीत कर्णप्रिय होने की वजह से लोकप्रिय होता है. इस बार वह मधुरता नहीं है.
अभिनय : फिल्म के केंद्र में इमरान हाशमी पर कुछ भी नया नहीं करते सिवाय तकनीक के सहारे खुद जो साबित करने के. फिल्म में उनका चरित्र भी ठीक से नहीं लिखा गया है. अमायरा दस्तूर सुन्दर हैं पर अभिनय में कमजोर हैं. हाँ उन्हें कुछ अच्छे दृश्य ज:र मिले हैं. अ:णोदय सिंह साधारण है.
निर्देशन : विक्रम भट्ट निर्देशित मिस्टर एक्स 3डी फिल्म है. फिल्म तकनिकी तौर पर नयी लगती है लेकिन कहानी और प्रस्तुतिकरण में कुछ भी नया नहीं है. लेकिन मैं कहूँगा कि आप एक बार फिल्म ज़:र देख ले.
फिल्म क्यों देखें : अगर आप ३ डी तकनीक की फिल्मों में :चि रखते हैं.
फिल्म क्यों न देखें : फिल्म में कुछ भी नया नहीं है