सुप्रसित्र शास्त्रीय नृत्यांगना और पद्मभूषण से सम्मानित मृणालिनी साराभाई का आज सुबह अहमदाबाद में निधन हो गया। वह 97 साल की थीं। बुधवार सुबह उनको अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके देहांत की खबर मृणालिनी साराभाई की बेटी मल्लिका साराभाई ने अपने फेसबुक पेज पर दी।
मृणालिनी साराभाई के बेटे और सेंटर ऑफ एंवायर्नमेंट एजुकेशन के संस्थापक कार्तिकेय साराभाई ने जानकारी दी कि उन्हें इंफेक्शन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी स्थिति काफी खराब थी। केरल में जन्मी मृणालिनी दर्पणा एकेडमी की संस्थापक थी।
मृणालिनी साराभाई ने अपना बचपन स्विट्जरलैंड में बिताया था। यहां डेलक्रूज स्कूल से उन्होंने पश्चिमी तकनीक से नृत्य कलाएं सीखीं। उन्होंने शांति निकेतन से भी शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने भारत लौटकर जानीमानी नृत्यांगना मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से भरतनाट्यम का प्रशिक्षण लिया था और फिर दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य और पौराणिक गुरु थाकाज़ी कुंचू कुरुप से कथकली के शास्त्रीय नृत्य-नाटक में प्रशिक्षण लिया था।
मृणालिनी साराभाई के पति विक्रम साराभाई देश के सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानी थे। उनकी बेटी मल्लिका साराभाई भी प्रसित्र नृत्यांगना और समाजसेवी हैं। मृणालिनी की बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल एक स्वतंत्रता सेनानी थीं और वह सुभाष चंद्र बोष के आजाद हिंद फौज की महिला सेना झांसी रेजीमेंट की कमांडर इन चीफ थीं।
मृणालिनी को भारत सरकार की ओर से देश के नागरिक सम्मान पद्मभूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया, नॉविच यूके ने भी उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी थी। इंटरनेशनल डांस काउंसिल पेरिस की ओर से उन्हें एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए भी नामित किया गया था।