Sunday, November 24, 2024
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कंप्यूटर से खेलते खेलते मेरी दुनिया बदल गई

मुझे बचपन से ही कम्प्यूटर का बहुत शौक रहा है! आज भी मुझे वो दिन याद है, जिस दिन घर में पहला कम्प्यूटर आया था. मैं उस समय 11 साल की थी. मेरे चाचा उस समय कम्प्यूटर की पढ़ाई करते थे. मेरे कम्प्यूटर के क्षेत्र में आने के लिए उनका बहुत बड़ा हाथ है. हमें स्कूल में छठी क्लास से कम्प्यूटर पढ़ाया जाता था. मुझे पहले से ही कम्प्यूटर का ज्ञान और एक्सपोज़र होने के कारण शिक्षकों का भी बहुत बढ़ावा मिला. मैंने छठी क्लास में ही तय कर लिया था कि बड़े होकर कम्प्यूटर ही पढ़ना है.

अपने सपने को पूरा करने की चाह में मैंने पहले बी. सी. ए. किया और फिर एम. सी. ए. . वो कहते हैं ना कि किसी चीज़ को करने में मन लगे, तो परिणाम भी खुद मिल जाता है. मैंने ग्रेजुएशन और मास्टरस दोनों में गोल्ड मेडल प्राप्त किया. उसके बाद पुणे में मेरी नौकरी भी लग गई. आख़िरकार मैं वो कर रही थी, जो मैंने बचपन से सोचा था — कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर बनाना.

प्रोफ़ेशनल जिंदगी के साथ व्यक्तिगत जिंदगी में भी आगे बढ़ी. मुम्बई के एक परिवार में मेरी शादी हुई. मैं हमेशा से एक मिश्रित परिवार में बड़ी हुई हूँ. मेरी माँ पंजाबी बोलती है, और पापा हिन्दी. मेरे बचपन में मेरे चाचा दुर्गापुर में रहते थे, और वहाँ मेरी बहनें बांग्ला में बात करती थीं. शादी के बाद ससुर मराठी भाषी और सास गुजराती भाषी हैं! मुझे इस बात का हमेशा ही एहसास रहा कि अगर किसी से उनकी भाषा में बात करो तो दिल जल्दी जुड़ते हैं.

जब मैं हैदराबाद में रहने आई तब मुझे लगा मुझे तेलुगू बोलनी आनी चाहिए. मैंने ऑनलाइन एप्स (online apps) ढूंढे पर कुछ मिला नहीं. उस समय मुझे लगा कि मुझे ही एक ऐसा एप बनाना चाहिए. ऑल्टर ज्ञान का जन्म हुआ. इस तरह, सितम्बर, 2013 में मैंने अपना पहला एप — ‘लर्न इंग्लिश क्विकली’ (Learn English Quickly) लॉन्च किया. इस एप के लिए अनुवाद, आवाज़ देना (voice over) और विकास सब मैंने ही किया.

हालांकि, मुझे पहले सफलता नहीं मिली. पर मैंने हार नहीं मानी. मार्केट का अध्ययन करके मैंने दुबारा एक नया वर्शन लॉन्च किया. इसके बाद, लोगों ने एप को बहुत सराहा और डाउनलोड बढ़ने लगे.

एक साल के अंदर परिवार और दोस्तों की मदद से मैंने गुजराती, पंजाबी, मराठी, बांग्ला और तेलुगू सीखने का एप लॉन्च किया.

2014 में मैं एक माँ बनी. पारिवारिक जिम्मेदारियां भी बढ़ गईं. घर, ऑफिस और ऑल्टर ज्ञान के बीच तालमेल बनाना थोड़ा मुश्किल हो गया. तब मैंने ऑफिस छोड़ कर पूरा ध्यान ऑल्टर ज्ञान पर लगाने का फैसला किया.

अब, ऑल्टर ज्ञान के एप्स द्वारा 17 भाषाएँ सीखने की सुविधा है. जनवरी 1, 2017 को मैंने ‘लर्न इंग्लिश क्विकली’ (Learn English Quickly) लॉन्च किया. इसके द्वारा 18 भाषाओँ के माध्यम से अंग्रेज़ी सीखी जा सकती है. यह एप मुफ़्त है.

मेरा मानना है कि समाज के उत्थान में शिक्षा की बड़ी भूमिका है. आज के इस बदलते समय में, आधुनिक समाज के विकास में महिलाओं का मुख्य योगदान है. मैं सभी महिलाओं को बस यही कहूँगी कि मेरा सफ़र भी कठिनाइयों और सफलता दोनों से भरा है. अगर मन में चाह है और परिवार वालों का साथ, तब आपको आपके सपनों को पूरा करने में कोई भी रोक नहीं सकता है.

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