नई दिल्ली। केंद्र ने राष्ट्रीय सहकारी नीति का मसौदा तैयार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की समिति के गठन की घोषणा की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में इस समिति में देश भर से 47 सदस्य होंगे। इसमें सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञ, राष्ट्रीय राज्य और जिला सहकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि, सहकारी सचिव और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की सहकारी संस्थाओं के रजिस्ट्रार शामिल होंगे। नई नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए बनाई जा रही है।
हाल ही में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि राष्ट्रीय सहकारी नीति शीघ्र तैयार की जाएगी। इसमें प्राथमिक कृषि ऋण संस्था का समग्र दृष्टिकोण शामिल होगा।
नए सहकारिता मंत्रालय को दिए गए जनादेश को पूरा करने के मद्देनजर नई नीति का दस्तावेज तैयार किया जा रहा है। इसमें सहकार से समृद्धि का दृष्टिकोण साकार करना, देश में सहकारिता आंदोलन को सुदृढ़ बनाना और जमीनी स्तर तक इसकी पहुंच बढ़ाना शामिल है। इसमें सहकारिता आधारित आर्थिक विकास मॉडल को प्रोत्साहन देने, सहकारिता की पूर्ण क्षमता हासिल करने में सहायता के लिए समुचित नीति , कानूनी और सांस्थानिक रूपरेखा तैयार करने पर भी ध्यान दिया जा रहा है।