नई दिल्ली। प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों और उनकी एजेंसियों द्वारा सरकारी ई-विपणन स्थान को अपनाने और उसमें तेजी लाने के लिए 5 सितंबर, 2018 को राष्ट्रीय सरकारी ई-विपणन स्थान मिशन की शुरूआत की जाएगी। राष्ट्रीय मिशन का उद्देश्य सरकारी खरीद में समग्रता, पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बढ़ावा देना और नकदी रहित, संपर्क रहित तथा कागज रहित लेन-देन करना है। इससे प्रभावोत्पादकता बढ़ेगी और खरीद में सरकारी खर्च बचेगा।
6 सितंबर से 15 अक्टूबर, 2018 से शुरू होने वाले छह सप्ताह के विशेष अभियान के दौरान राज्य मुख्यालयों पर मुख्यमंत्रियों द्वारा मिशन की शुरूआत की जाएगी और इसमें महत्वपूर्ण क्षेत्रों तथा प्रमुख कार्यक्रमों को शामिल किया जाएगा, खरीददारों और विक्रेताओं के लिए जीईएम के इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षण के साथ आईईसी अभियान की शुरूआत की जाएगी। सरकारी एजेंसियों के लिए खरीददारों का पंजीकरण अभियान और विक्रेता पंजीकरण अभियान चलाया जाएगा जिसमें एमएसएमई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
जीईएम ने 19 अगस्त, 2018 को दो वर्ष पूरे कर लिए। इस मंच के जरिए मूल्य के मामले में 10,800 करोड़ रूपये और मात्रा के मामले में 6.96 लाख रूपये का कारोबार हो चुका है। इस मंच पर 1.35 लाख से अधिक विक्रेताओं ने 4.43 लाख उत्पादों की पेशकश की है। इसमें खरीददारों के रूप में 26,500 संगठन हैं। हालांकि सभी राज्य और संघ शासित प्रदेश जीईएम के जरिए खरीद कर रहे हैं, 25 राज्य और संघ शासित प्रदेश जीईएम के जरिए खरीद को अनिवार्य करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। इससे खरीद के मूल्य में करीब 25 प्रतिशत की औसत बचत होगी।
जीईएम मंच केंद्र सरकार के सभी सरकारी विभागों और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाईयों और संबद्ध संगठनों के लिए आमतौर से इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए ऑनलाइन, अंतिम समाधान प्रदान करता है।
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