प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एनडीटीवी (NDTV) को कथित रूप से विदेशी विनिमय कानून (फेमा) के उल्लंघन के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह मामला करीब 4,000 करोड़ रुपए का बताया जा रहा है।
इस मामले को लेकर ईडी ने कहा कि ‘जांच में एनडीटीवी द्वारा 1,637 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन किए जाने का मामला सामने आया है। साथ ही 2,732 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश का एक अन्य मामला भी है। ऐसे में ईडी ने फेमा के तहत एनडीटीवी के संस्थापक और सह-चेयरपर्सन प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय, पत्रकार विक्रम चंद्रा समेत कुछ अन्य को नोटिस जारी किया है।
बता दें कि जिन कंपनियों पर फेमा के उल्लंघन का आरोप है उनमें एनडीटीवी लाइफस्टाइल होल्डिंग्स (अब लाइफस्टाइल एंड मीडिया होल्डिंग्स), साउथ एशिया क्रिएटिव एसेट्स लिमिटेड, एस्ट्रो ओवरसीज लिमिटेड, एनडीटीवी इमेजिन लिमिटेड (अब टर्नर जनरल एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स इंडिया) शामिल हैं।
ईडी के अनुसार ‘एनडीटीवी द्वारा 2005 के प्रेस नोट-1 के नियमों का 319 करोड़ रुपए का उल्लंघन किया, इसके साथ ही बिना विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी के हासिल किए 138 करोड़ रुपए के डाउनस्ट्रीम निवेश का उल्लंघन किया गया।’
ईडी का दूसरा नोटिस एनडीटीवी द्वारा विदेशों में किए गए 582 करोड़ रुपए के निवेश से संबंधित है। इसमें फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ। बाकी 2,414 करोड़ रुपए का उल्लंघन रिजर्व बैंक को आवश्यक सूचनाएं देने में देरी से जुड़े हैं। कंपनी के ऊपर फेमा उल्लंघन का कुल मामला 4,369 करोड़ रुपए का है।
एजेंसी ने कहा कि वह एक अन्य मामले की जांच कर रहा है जिसमें मीडिया समूह को 725 करोड़ रुपए का एफडीआई मिला। उस समय 600 करोड़ रुपए से अधिक के एफडीआई के प्रस्तावों की मंजूरी सिर्फ मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ही दे सकती थी। ईडी का आरोप है कि कंपनी ने इसके लिए सीसीईए की मंजूरी नहीं ली थी। ईडी ने कहा कि इस मामले में एक बड़ी साजिश के तहत एफडीआई की राशि को 600 करोड़ रुपए से कम दिखाया गया था। इस मामले में आगे जांच चल रही है। इसके अलावा निदेशालय 13,78,68,77,738 रुपए के उल्लंघन के अन्य मामलों की भी जांच कर रहा है।