रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने देश में परिवहन सुविधाओं के ढांचे का पुनर्गठन करने के लिए एक मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन बनाने की आवश्यकता व्यक्त की है। प्रभु ने आंध्र प्रदेश और केरल सरकारों के साथ रेल मंत्रालय के संयुक्त उपक्रमों के गठन के संबंध में दो अलग अलग करारों पर हस्ताक्षर किए जाने के मौके पर समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले करीब डेढ़ दशकों के दौरान सड़क निर्माण के क्षेत्र में बेतहाशा निवेश हुआ जबकि रेलवे के क्षेत्र में निवेश ना के बराबर हुआ।
उन्होंने कहा कि देश में परिवहन के हर क्षेत्र का संतुलित एवं समन्वित विकास किया जाना चाहिए। इसके लिए हमें मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट ढांचे की आवश्यकता है जिसमें बंदरगाहों से रेलवे और सड़क नेटवर्क इस प्रकार से जुड़ा हो जिससे देश के एक स्थान से अन्य सभी स्थानों तक माल एवं यात्री परिवहन सुविधाएं सुचारू रूप से जुड़ी हों। प्रभु ने कहा कि इस दिशा में आगे बढऩे के लिए राज्यों की भी अहम भूमिका होगी। इसके लिए राज्यों को रेलवे सुविधाओं के विकास में साझीदार बनाना होगा। इसी सोच के साथ राज्यों के साथ रेल मंत्रालय ने एक संयुक्त उपक्रम स्थापित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा, राज्य राजमार्गों के साथ छोटे छोटे बंदरगाह राज्य सरकारों के अधीन होते हैं। इसलिए भी राज्य सरकारों को शामिल करके एक मल्टी मॉडल ट्रांस्पोर्ट कॉरपोरेशन के गठन किए जाने की आवश्यकता है। रेल मंत्री ने बताया कि राज्यों के साथ बनने वाले उपक्रम में राज्यों की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और रेलवे की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत होगी। उपक्रम राज्य सरकार के अधीन काम करेगा। राज्य सरकारें क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप परियोजनायें बनाएंगी। संयुक्त उपक्रम उन्हें कार्यान्वित करेगा।
उन्होंने कहा, जमीन अधिग्रहण करना, आवश्यक मं•ाूरियां हासिल करना आदि राज्यों की जिम्मेदारी होगी। राजस्व में हिस्सेदारी भी मानक फॉर्मूले के अनुसार होगी। उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे ने 400 स्टेशनों के पुनर्विकास का निर्णय लिया है। राज्य सरकारें इस उपक्रम के माध्यम से अपने चुने हुए स्टेशनों के पुनर्विकास के काम में भी सहयोग दे सकतीं हैं। इसके लिए कुछ राज्यों ने अनुकूल प्रतिक्रिया जताई है।